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जागरण की संस्कारशाला का प्यार, किशोरों में लाया बदलाव की बयार

जागरण की संस्कारशाला का प्यार, किशोरों में लाया बदलाव की बयार : राजीव थॉमस

करहां (मऊ) : दैनिक जागरण का समाचारीय अभियान संस्कारशाला लगातार शिक्षा, संस्कार व किशोर मन की बात उठाकर लोकप्रिय हो रहा है। संस्कारशाला की कहानी का प्यार किशोरों के मनोभावों में बदलाव की बयार बहा रहा है। अब वह खुलकर अपनी बातों व समस्याओं को अपने अभिभावको व शिक्षकों से साझा कर रहे हैं। 

उक्त बातें किंग्स इडेन इंटरनेशनल स्कूल गालिबपुर के प्रधानाचार्य राजीव थॉमस ने कहीं। वे जागरण की संस्कारशाला के बारे में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रकाशित कहानियों का वाचन विभिन्न विद्यालयों में किया जा रहा है। गुरुवार जो किंग्स इडेन इंटरनेशनल स्कूल गालिबपुर, मुहम्मदाबाद गोहना में संस्कारशाला की कहानी का वाचन हमारे विद्यालय के हिंदी अध्यापक नितेश सिंह ने बच्चों के बीच किया है।

अनुभवी व्यक्तित्व किशोरों का करें मार्गदर्शन : नितेश सिंह

किंग्स इडेन इंटरनेशनल स्कूल के हिंदी अध्यापक नितेश सिंह ने बच्चों को संस्कारशाला की कहानी सुनाते हुये कहा कि बाल विकास में शिक्षा, संस्कार, अभिप्रेरणा, प्रयोग, पाठ्य सहगामी क्रियाओं एवं अनुभव का बड़ा योगदान होता है। कहा कि किशोरावस्था एक विचलन की अवस्था होती है। किशोरों के स्वभाव अस्थिर व एकाकी होने लगता है, जिसे अनुभवी व्यक्तित्वों के द्वारा संभालना बेहद आवश्यक होता है।

इसलिये माता-पिता, अभिभावक, पड़ोसी, नातेदार व शिक्षक की जिम्मेदारी किशोरों के प्रति बढ़ जाती है। चूंकि अनुभवी लोग समाज के कई स्वरूप को देख चुके होते हैं। इसलिये उन्हें किशोरों के आगे अभिप्रेरक के रूप में स्थापित होना होगा। उन्हें यह समझाने का प्रयास करना होगा कि इस उम्र में मन में अनेक विचार आना स्वाभाविक हैं, लेकिन किस विचार पर अमल करके आगे बढ़ा जा सकता है, इसमें विवेकपूर्ण चिंतन व अनुभवी लोंगो का मार्गदर्शन आवश्यक है। दैनिक जागरण का संस्कारशाला के माध्यम से एक सकारात्मक अलख जगाने हेतु आभार अभिनंदन है।



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