डॉ. रामविलास भारती का राज्य अध्यापक पुरस्कार हेतु चयन से जनपद मऊ में हर्ष

डॉ. रामविलास भारती का राज्य अध्यापक पुरस्कार हेतु चयन से जनपद मऊ में हर्ष



मऊ जिले के उच्च प्राथमिक विद्यालय धरौली के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षा विभाग ही नहीं अपितु गैर सरकारी व सामाजिक कार्यों के प्रति अपना सब कुछ समर्पित करने वाले डॉ. रामविलास भारती को राज्य शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिए चयनित किए गए हैं। यह खबर प्राप्त होते ही परिषदीय स्कूलों के अध्यापकों सहित पूरे जनपद में हर्ष का वातावरण छा गया।

बताते चलें कि इन्हे यह राज्य शिक्षक पुरस्कार शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितम्बर को लखनऊ में माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा दिया जाएगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मऊ संतोष कुमार उपाध्याय सहित अधिकारियों और शिक्षकों ने इन्हे बधाइयां दे रहे हैं।

इस विद्यालय में कुल 170 बच्चे नामांकित हैं किन्तु मात्र दो शिक्षक ही कार्यरत हैं। इसके बावजूद भी डॉ. रामविलास भारती के जज्बे में कोई कमी नजर नहीं आती है। वह पूरी ऊर्जा के साथ अपने शिक्षक एवं सामाजिक दायित्वों को अंजाम दे रहे है।एक शिक्षक के रूप में डॉ. रामविलास भारती ने अपना व्यक्तिगत रूप से वेतन व जनसहयोग तथा ग्राम पंचायत के सहयोग से विद्यालय को अत्याधुनिक व आकर्षक बनाया है। इन्होंने कायाकल्प के 19 पैरामीटर को पूर्ण तो किया ही इन्होंने ऐसे-ऐसे नवाचार किये हैं जो पूरे प्रदेश व देश में इकलौता है। इन्होंने "विद्यार्थी शिक्षा समृद्धि बैंक" के रूप में अभिनव प्रयोग किया जिससे बच्चे प्रोत्साहन के अथवा किसी भी प्रकार से प्राप्त धन को बैंक में जमा करते हैं और पूरी बैंकिंग प्रणाली को जूनियर स्तर से ही समझ लेते हैं; साथ ही जो धन बैंक में जमा किया जाता है, जब बच्चे द्वारा पैसा वापस लिया जाता है तो प्रधानाध्यापक रामविलास भारती द्वारा जमा की गई धनराशि में 25 प्रतिशत ब्याज के तौर पर जोड़कर वापस किया जाता है। इससे बच्चे में बचत, मितव्ययिता, आय व्यय, लाभ हानि, बैंकिंग व्यवस्था की समझ बढ़ती है। बच्चों के भविष्य में धन के अभाव में पढ़ाई बाधित नहीं होती है।

इन्होंने कंप्यूटर लैब, महाबोधि पुस्तकालय एवं वाचनालय, गणित एवं विज्ञान प्रयोगशाला, स्मार्ट कक्षा, आई.सी. टी. आदि का प्रयोग व नवाचार किया है। महाबोधि पुस्तकालय एवं वाचनालय वास्तव में वास्तव में एक पब्लिक लाइब्रेरी है, जहां बच्चे आर्थिक अभाव में इलाहाबाद, दिल्ली, कोटा नहीं जा सकते.. उनके लिए इन्होंने इसी पुस्तकालय में उनकी प्रतियोगी पुस्तकों आदि की व्यवस्था कर रखा है, जिससे बच्चों का पलायन होने से रुक सके और वह आर्थिक अभाव में भी अपनी क्षमता अनुसार लक्ष्य के अनुरूप परीक्षा की तैयारी कर सफल हो सके।

डॉ.भारती द्वारा गरीब बच्चों को "जगपूरनी देवी बरखू शैक्षिक समृद्धि छात्रवृत्ति" परास्नातक पूर्ण होने तक 1200/ रुपया वार्षिक दिया जाता है। इनके द्वारा प्रतिवर्ष 50 बच्चों का उच्चतर कक्षा में व्यक्तिगत धन लगाकर प्रवेश दिलाया जाता है, जिससे बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन हो सके। बच्चों में ऐतिहासिक एवं अंतराष्ट्रीय सीमा आदि के व्यवहारिक ज्ञान के लिए शैक्षिक भ्रमण नेपाल तक कराया जाता है। मीना मंच व बालसमितियों द्वारा अभिभावकों को जागरूक करना तथा मादक पदार्थों से सेवन को रोकने का अभूतपूर्व कार्य हुआ है। डॉ.भारती द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर कार्य करना व राष्ट्रीय एकता के लिए लगातार प्रयास किया जाता है। इनके नेतृत्व में विद्यालय के बच्चे लगातार दो वर्ष से मंडल स्तर पर राष्ट्रीय एकांकी में स्वर्ण विजेता रहे हैं तथा प्रदेश में प्रतिभाग कर अपना प्रचार फैलाने का कार्य किया है। यहां के बच्चों की शैक्षिक एवं पाठ्य सहगामी गतिविधियों एवं प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग एवं सफल होना आदि इनकी विशेषता है। निश्चय ही डॉ. रामविलास भारती का शिक्षा एवं समाज के प्रति समर्पण और प्रयास अद्वितीय एवं अनुकरणीय है। डॉ. भारती का विद्यालय दिल्ली माडल को भी मात दे रहा है। इनका मानना है कि बच्चे कल के भविष्य हैं, और इनके भविष्य पर ही हमारा व समाज एवं देश का भविष्य निर्भर है। इसलिए इनके भविष्य की बेहतरी एवं लक्ष्य को पूरा करने में हम शिक्षकों को पूरे जुनून के साथ लग जाने की आवश्यकता है। तभी बेहतर नागरिक एवं समाज व  प्रबुद्ध/समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं।

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