गुरु गोविंद सिंह के पुत्र जोरावर व फतेह सिंह की शहादत पर मनाया गया वीर बाल दिवस
विद्यालय के प्रबंधक हरिकृष्ण बनवाल ने सबका स्वागत करते हुए कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी सर्वोच्च बलिदान की प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने जहां अपने उपदेशों से लोगों को धर्म का मार्ग दिखाया है, वहीं अपने कर्मों से सर्वोच्च आदर्श स्थापित किया। धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने अपने परिवार को कुर्बान कर दिया।
छात्रा अर्पिता सिंह ने कहा कि गोविन्द सिंह के चार बेटे अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह व फतेह सिंह धर्म की रक्षा के लिए ही शहीद हो गए। माता गुजरी देवी भी शहीद हो गईं। बाबा अजीत सिंह व जुझार सिंह 40 बहादुर सिक्ख योद्धाओं संग मुगलों से लड़ाई में शहीद हो गए जबकि जोरावर सिंह व फतेह सिंह को 26 दिसम्बर सन 1704 को सरहिंद के नवाब ने इस्लाम धर्म न कबूल करने पर जिंदा दीवार में चुनवा दिया।
छात्र शिवम चौहान ने कहा कि ऐसी त्याग व बलिदान की मिसाल कम ही देखने को मिलती है। हमें देश व धर्महित में उनके बलिदान को याद कर उनके मार्ग पर चलने का अनुसरण करना चाहिए।
कार्यक्रम में भाजपा प्रांतीय परिषद सदस्य छोटू प्रसाद ने बताया कि सन 1704 में 26 दिसम्बर को सिक्खों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह के दो साहिबजादों जोरावर सिंह व फतेह सिंह को जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया। हम सभी ऐसे वीर, साहसी औऱ बलिदानी बालकों को नमन करने एवं उनके बलिदान के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए एकत्रित हुये हैं।
मंडल अध्यक्ष मुहम्मदाबाद गोहना रामसरन चौहान ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह पर गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादो के बलिदान दिवस को पूरे देश में वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। हम सब भाग्यशाली हैं कि हमारे देश ने ऐसे वीर बालकों को जन्म दिया जिससे हमारा देश और धर्म बचा हुआ है।
इस कार्यक्रम में किरण कृष्ण बरनवाल, अभिनव सिंह, एरोन चेरियन, जनार्दन शर्मा, बबलू बरनवाल, अजीत गुप्ता सहित विद्यालय के स्टाफ व सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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