अमृत सरोवर पट्टा किये जाने के निर्णय का हुआ विरोध

अमृत सरोवर पट्टा किये जाने के निर्णय का हुआ विरोध

करहाँ (मऊ) : मुहम्मदाबाद गोहना तहसील प्रशासन द्वारा तहसील क्षेत्र की कुछ चिन्हित पोखरों को नीलामी द्वारा मत्स्य पालन व सिघाड़ा उत्पादन हेतु पट्टा किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसमें कुछ अमृत सरोवर भी चिन्हित कर दिए गये हैं, जिनको अभी विकसित किया जाना शेष है। जानकारी होने पर ग्रामीणों एवं ग्रामप्रधान द्वारा इसका विरोध करते हुये प्रार्थना पत्र देकर इसकी नीलामी रोकने की अपील की गई है।

बता दें कि समाचार पत्र में 29 जुलाई को नीलामी का निविदा विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। इसमें शेख अहमदपुर, अन्नूपार, लग्गूपुर, अलाउद्दीनपट्टी, बारा, सरयां, परवा, गढ़वा, भुजही, देवसीपुर, हलीमाबाद, बीबीपुर, भटौली के एक-एक एवं शमशाबाद व उतरेजपुर के दो-दो जलाशयों का 10 वर्ष के लिए पट्टा किया जाने की सूचना दी गयी है। इसके लिए आवश्यक निर्देश व कागजात भी बताये गये हैं।

इस सूची में शमशाबाद गांव का विकसित किया जा रहा अमृत सरोवर व मनरेगा द्वारा खोदी जा रही एक अन्य पोखरी भी शामिल है। इसको निविदा सूची में शामिल कैसे कर लिया गया इससे ग्रामप्रधान स्वयं अनभिज्ञ हैं। सूचना मिलने पर ग्रामप्रधान गीता देवी पत्नी रामजीत यादव ने उप जिलाधिकारी मुहम्मदाबाद गोहना व गाँव के जागरूक नागरिक बालेन्द्र भूषण प्रताप सिंह एडवोकेट ने जिलाधिकारी मऊ को पत्रक देकर इसके स्थगन की मांग की है। प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि अभी इनके सुन्दरीकरण का काम भी पूरा नहीं हुआ है। इसे किसी व्यक्ति विशेष को पट्टा कर देने से जनहित के लिए तैयार किये जा रहे अमृत सरोवर की मुहिम प्रभावित होगी। इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी हेमंत कुमार चौधरी ने बताया है कि यह मामला मेरे संज्ञान में शिकायती पत्र द्वारा लाया गया है। नीलामी से अमृत सरोवरों को बाहर रखा जायेगा।



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