सज गई राखी की दुकाने, बहने खरीद रही हैं भाई के लिए पसंदीदा राखी। जानें रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त..
करहाँ (मऊ) : करहाँ परिक्षेत्र की विभिन्न छोटी-बड़ी बाजारों में रक्षाबंधन की चहल-पहल बढ़ गई है। राखी, मिठाई, गिफ्ट, श्रृंगार एवं कपड़ों की दुकानों पर भाई-बहनों की खासी भींड देखने को मिल रही है। जहां क्षेत्र की बाजारों में राखी की दुकानें सज चुकी हैं, वहीं इन दुकानों पर अपने अपने भाइयों के लिए पसंदीदा राखी चुनती हुई बहने दिखाई दे रही हैं।
रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इसमें प्रत्येक बहन अपने भाई को राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन मांगती है। वहीं प्रत्येक भाई आशीर्वाद सहित अपनी बहन को रक्षा का वचन देता है और अपनी क्षमतानुसार उपहार प्रदान करता है।
इस वर्ष रक्षाबंधन के मुहूर्त को लेकर भाई-बहनों में खासा असमंजस देखा जा रहा है। कुछ लोग 30 अगस्त को तथा कुछ लोग 31 अगस्त को रक्षाबंधन के पर्व को मनाये जाने की बातें कर रहे हैं। इस विषय पर शंका समाधान करते हुए क्षेत्र के प्रसिद्ध कर्मकांडी ब्राह्मण पंडित विंध्याचल पाण्डेय ने इस उहापोह की स्थिति को स्पष्ट किया है।
-हिंदू पंचांग के अनुसार 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 12 मिनट से पूर्णिमा तिथि लगने साथ ही भद्रा लग जा रहा है जो रात को 08 बजकर 58 मिनट तक चल रहा है। भद्रा में रक्षाबंधन बाँधना अशुभ माना जाता है। वहीं दूसरी तरफ श्रावण पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 45 मिनट पर समाप्त हो रही है। अतः 30 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त रात 9 बजकर 01 मिनट से लेकर 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 45 मिनट तक है। लेकिन वहीं उदया तिथि को प्रशस्त मानने वाली बहनें 31 अगस्त को दिनभर रक्षाबंधन बाँध सकती हैं।
-पंडित विंध्याचल पाण्डेय, आचार्य
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