नवनिर्मित शिव मंदिर, नेवादा-मऊ। क्या है खास-?
मुहम्मदाबाद तहसील अंतर्गत जिले के लगभग आखिरी छोर पर मुहम्मदाबाद गोहना चिरैयाकोट मार्ग के पश्चिम नेवादा ग्राम में यह नवनिर्मित शिव मंदिर स्थित है। इस गांव में कोई भी देवालय नहीं होने से ग्रामवासियों को किसी अन्य गांव में पूजन-अर्चन के लिए जाना पड़ता था। इसलिए सभी ने सामूहिक सहयोग से मंदिर का निर्माण कराया। अब पूरा गाँव हर्षोल्लास पूर्वक भक्ति भावना के साथ शिवालय में दर्शन पूजन कर रहा है। सावन में गाँव के कई शिवभक्तों की टोली विभिन्न पवित्र नदियों से जल लाकर बाबा का जलाभिषेक कर चुकी है। सामूहिक रुद्राभिषेक एवं रामायण कीर्तन का आयोजन भी हो रहा है।
मंदिर का इतिहास : इस गाँव में किसी मंदिर के नहीं होने से ग्रामवासी खुद की छवि धूमिल होने को लेकर चिंतित रहते थे। इसके निवारण के लिए सब लोगों ने मिलकर एक शिव मंदिर के निर्माण की योजना बनाई। इसके निर्माण हेतु 27 मई 2019 को भूमि पूजन किया गया तथा इसमें विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा 02 मई 2023 को हुई। इसके लिए गाँव निवासी रामअधार यादव ने अपनी जमीन दान की। नेवादा ग्राम प्रधान इन्द्रराज यादव, पूर्व ग्राम प्रधान भतड़ी दिवाकर यादव, जितेंद्र यादव, वकील यादव आदि ने सबसे सहयोग राशि इकट्ठा कर मंदिर का निर्माण लगभग 4 वर्षों में पूरा करवाया। इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पंच दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव यज्ञ संपन्न की गई। तबसे लेकर अबतक सभी ग्रामवासी नित्य नियमित रूप से श्रद्धापूर्वक शिवार्चन कर रहे हैं।
मंदिर की विशेषता : यह मंदिर नेवादा गाँव के आग्नेय कोण में स्थित है। इसके निर्माण, मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में क्षेत्र के नगपुर ग्राम में जन्म लेकर आज संपूर्ण विश्व को अपने ज्ञान के आलोक से देदीप्यमान करने वाले प्रख्यात शांकर सन्यासी परमहंस परिव्राजकाचार्य स्वामी ज्ञानानन्द सरस्वती जी महाराज का मार्ग निर्देशन एवं पावन सानिध्य प्राप्त हुआ। इसकी वजह से इस शिव मंदिर के प्रति लोगों की आस्था और अधिक बलवती हो गई। बहुत कम समय में इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैल चुकी है।
-मेरे पिता रामअधार यादव ने इस मंदिर के निर्माण हेतु अपनी जमीन का सर्वप्रथम दान देने का संकल्प पूरा किया। इसमें मंदिर निर्माण करके मुझे सर्वसम्मत से पाँच दिन के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव यज्ञ का मुख्य जजमान बनाया गया। जिसे मैंने सपत्नीक श्रद्धापूर्वक पूरा किया। तबसे लेकर अब तक नियमित मंदिर की साफ-सफाई, पूजन-अर्चन एवं भोग-आरती कर रहा हूँ।
-वकील यादव, पुजारी
-इस मंदिर के बनने से मेरे गाँव से एक काला धब्बा मिट गया। कोई देवालय नहीं होने से हमारे गाँव की छवि समाज में अच्छी नहीं मानी जाती रही है। जिसको लेकर हम सबके मन में कष्ट रहता था। इसके बन जाने से अब सभी ग्रामवासी खुश हैं तथा सबके अंदर श्रद्धा-भक्ति और आध्यात्मिकता का भाव प्रबल हो रहा है। महादेव सबका मंगल करें।
-जितेन्द्र यादव, शिवभक्त
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