एक ख़ास ध्यान देने योग्य बात यह भी..



एक बार काम , नौकरी , व्यापार धंधे से फुर्सत मिल जाये तो देख लेना कि आपकी बेटी ,या बेटे

1.कोचिंग ही जा रही है न

2.मोबाइल में पासवर्ड तो नहीं है।

3.स्नेप चेट का इस्तेमाल कर रही हो तो चेट डिलीट का आप्शन तो नहीं है।

4.घंटों अपने कमरे में या अपने दोस्तों के साथ तो समय नहीं बिता रही है।

5. प्रोजेक्ट है, प्रोजेक्ट है कहकर दोस्तों के घर बार बार तो नहीं जा रही।

6. अगर आपकी बेटी का स्कूल आपसे सच्चाई कहे तो स्कूल की बात गंभीरतापूर्वक सुनें न कि गुस्सा हों।

7. कपडे और पहनावा मर्यादा मे तो हैं ना।

8. देर रात तक फोन का इस्तेमाल तो नही किया जा रहा है ना।

9. अगर बेटी कंही बाहर हॉस्टल मे रहती है तो बिना बताए अचानक कभी-कभार मिलने पहुच जाए।

10. बेटी के सहेलियो से बेटी के बारे मे फीडबैक लेते रहें

11.शापिंग  के लिए भले ही  सहेलिया साथ मे जा रही हो लेकिन परिवार का कोई न कोई  सदस्य भी साथ मे जाए 

12. एक्स्ट्रा क्लास के नाम पर विशेष सतर्क रहें।

13. बेटी के दोस्त और सहेलिया कौन है उनका व्यवहार चरित्र और चाल चलन कैसा है इसपर विशेष नजर रखें। 

15.घर के सभी तीज त्यौहारो पूजा-पाठ एक धार्मिक कार्यो मे शामिल करें।

16. समाज मे घट रही श्रद्धा जैसी घटनाओ से उन्हे अवगत कराएं।

अपनी लड़की को जरूर पढाएँ,आजादी दें मगर इतनी भी नहीं कि वो जंगलों में टुकड़े हो जाए,,, आपकी  सतर्कता ही बचाव है अन्यथा ये एक ऐसी उम्र होती है कि कोई भी बहक सकता है।।। 


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