राखी की सज गईं दुकाने, बहनें खरीद रही हैं मनपसंद राखियाँ। क्या है रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त-?




राखी की सज गईं दुकाने, बहनें खरीद रही हैं मनपसंद राखियाँ। क्या है रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त-?

करहाँ, मु.बाद गोहना, मऊ। मुहम्मदाबाद गोहना एवं करहाँ क्षेत्र के विभिन्न चट्टी, चौराहों और बाजारों में रक्षाबंधन पर्व हेतु राखियों की दुकानें सज चुकी हैं। यहाँ 10 रुपया से लेकर 400 रुपयों तक की मनपसंद राखियों को खरीदती हुई बहनें देखी जा रही हैं।

बता दें कि आगामी सावन की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का पर्व पूरे देश में मनाया जाएगा। जिसके लिए क्षेत्र के मुहम्मदाबाद गोहना, रामनगर मोड, भातकोल, देवलास, करहाँ, नगपुर, शमशाबाद, मालव, लग्गूपुर, घरोहिया आदि बाजारों में राखियों की दुकाने सज-धजकर तैयार हैं। राखी बांधने वाली माताएं-बहने अपनी मनपसंद राखियों की खरीददारी करती नजर आ रही हैं। वहीं मार्केट में मिठाई, उपहार, साज-श्रृंगार, आभूषण एवं साड़ी-कपड़ों की दुकानों पर भी भाई-बहनों की भीड़ देखी जा रही है। हालांकि दुकानदार फिलहाल की बिक्री से संतुष्ट नज़र नहीं आ रहे हैं।

रक्षाबंधन के पर्व पर बहनें अपने भाईयों की सलामती के लिए तिलक-चंदन लगाकर, मिठाई खिलाते हुए राखी बांधती हैं, तथा भाई उनको उपहार भेंट प्रस्तुत करते हुए रक्षा का वचन देते हैं। भाई-बहनों इस पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन के पर्व को लेकर इस साल थोड़ा मतिभ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि रक्षाबंधन का पर्व 30 अगस्त दिन बुधवार को है, वहीं कुछ लोग इसे 31 अगस्त दिन गुरुवार को मनाने की बातें कह रहे हैं। इस विषय पर भाई-बहनों के लिए शंका समाधान करते हुए क्षेत्र के सुप्रसिद्ध कर्मकांडी ब्राह्मण 'दिनेश कुमार पाण्डेय' ने स्थिति स्पष्ट की है कि- "हिंदू पंचांग के अनुसार 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 12 मिनट से पूर्णिमा तिथि लगने साथ ही भद्रा लग जा रहा है जो रात को 08 बजकर 58 मिनट तक चल रहा है। भद्रा में रक्षाबंधन बाँधना अशुभ माना जाता है। वहीं दूसरी तरफ श्रावण पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 45 मिनट पर समाप्त हो रही है। अतः 30 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त रात 9 बजकर 01 मिनट से लेकर 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 45 मिनट तक है। लेकिन वहीं उदया तिथि को प्रशस्त मानने वाली बहनें 31 अगस्त को दिनभर रक्षाबंधन बाँध सकती हैं।"

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