ॐ नमः शिवाय.. क्षीरसागर शिवालय, करहाँ-मऊ

ॐ नमः शिवाय.. क्षीरसागर शिवालय, करहाँ-मऊ

करहाँ (मऊ) : जनपद के मुहम्मदाबाद गोहना ब्लाक अंतर्गत करहां गांव के बीचों बीच क्षीरसागर श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर के प्रागण में शिवशंकरी वृक्ष के नीचे जगत का कल्याण करने वाले भगवान शिव विद्यमान हैं। इस मंदिर स्थित शिवालय में करहां गांव सहित आसपास के गांवों के श्रद्धालु पूजन-अर्चन के लिए आते हैं और मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं।

मंदिर का इतिहासः इस शिवलिंग की सबसे पहले स्थापना गांव के प्रतिष्ठित नागरिक रहे स्व. तुलसी सिंह के परिवार के सदस्य स्व. जमादार सिंह के द्वारा सत्तर के दशक में कराया गया। 20 जून 2018 को समस्त ग्रामवासियों के श्रद्धा एवं आर्थिक सहयोग से सुंदर शिवालय बनाकर मंदिर के पूर्व महंत और पुजारी ब्रह्मलीन संत भगवान दासजी महाराज द्वारा पुनर्स्थापना करवाया गया। इस स्थान से क्षेत्र के महान शांकर संन्यासी स्वामी ज्ञानानन्द सरस्वतीजी महाराज एवं मठ गुरादरी के वर्तमान महन्त मानस धुरन्धर भगवान दासजी महाराज का विशेष अनुराग जुड़ा है।

मंदिर की विशेषताः यह पवित्र स्थान समस्त श्रद्धालुओं की सुख-समृद्धि के साथ उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करता है। विशेषतया क्षेत्रफल एवं जनसंख्या में वृहद गांव होने के कारण सभी जनता जनार्दन का मंदिर के प्रबंधन में सहयोग रहता है। सनातन संस्कृति के अनुसार प्रतिदिन दिव्य भोग एवं विभिन्न त्योहारों जैसे पवित्र सावन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, कार्तिक मास, दशहरा, दीपावली, मकर संक्रांति, होली, रामनवमी, महाशिवरात्रि, गुरुपूर्णिमा आदि के अवसर पर विशेष पूजन-अर्चन, कीर्तन-मानस पाठ, रुद्राभिषेक एवं महाभंडारे का आयोजन होता रहता है।

●शिव जी की कृपा से मंदिर में स्थापित श्रीलक्ष्मी नारायण के मनोहारी विग्रह की सेवा में मन रम गया। पूर्व पुजारीजी के महाप्रयाण के उपरांत मंदिर की साफ-सफाई, आरती-पूजन भोग-प्रसाद श्रद्धाभाव से करता आ रहा हूं। सभी सम्मानित ग्रामवासियों का मंदिर से गहरा लगाव है। शिव जी सबका मंगल करें।

प्रमोद दास, पुजारी, करहाँ-मऊ

●क्षीरसागर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर, पवित्र शिवालय एवं पूर्व महंत भगवान दासजी की दिव्य समाधि से पूरा गांव श्रद्धा रखता है। मंदिर की सेवा में वर्षों से समय दे रहा हूं। हर्ष का विषय यह है कि गांव की श्रद्धालु मातायें-बहनें एवं नई पीढ़ी के युवा भी मंदिर के आयोजनों में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। हर-हर महादेव।

◆अशोक जायसवाल, शिवभक्त, करहाँ-मऊ

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