जब मनमोहन सिंह ने शिक्षक को दिया निरंतर मेहनत करने का मंत्र
करहाँ (मऊ) : पूर्व वित्त मंत्री व देश के दो बार प्रधानमंत्री रहे डाक्टर मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात देहांत हो गया। पूरे देशवासियों समेत मऊ जनपद के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक रामनिवास मौर्य भी बेहद ग़मज़दा हैं। वे पुरस्कार प्राप्ति के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह से मिल चुके हैं तथा उनके विनम्र व्यवहार से बेहद प्रभावित हैं।
उन्होंने अज़ीत एक्सप्रेस से बात करते हुये बताया कि पुरस्कृत शिक्षकों के साथ जब उनसे मिलना हुआ तो वह उस समय सबसे युवा शिक्षक थे। डाक्टर मनमोहन सिंह ने उन्हें विशेष रुप से शाबासी देते हुये निरंतर मेहनत करते रहने का मंत्र दिया। तबसे लेकर अब तक वे इसी मंत्र को जीवन का सूत्र बनाकर सेवा कर रहे हैं तथा बच्चों एवं स्वयं अनेक पुरस्कारों से पुरस्कृत भी हो चुके हैं।
राष्ट्रीय शिक्षक व राज्य योग पुरस्कार प्राप्त शिक्षक व शिक्षा क्षेत्र मुहम्मदाबाद गोहना के सौसरवां प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामनिवास मौर्य ने बताया कि पुरस्कृत शिक्षकों के साथ हमें भी पूर्व प्रधानमंत्री से उनके आवास पर जाकर मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उस दौरान हम लोग उनके मेहमान के रूप में गये थे। डाक्टर मनमोहन सिंह बड़े ही सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी थे। उस दौरान उन्होंने कहा था कि आप जहां भी रहें मेहनत करें व अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें।
बताया कि उस दौरान वह देश के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक थे। तत्कालीन राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणव मुखर्जी ने उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत किया था। मुझे देखकर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको अभी बहुत काम करना है एवं कई ऊंचाइयां हासिल करना है। यद्यपि आज वे हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनके शब्द आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। हृदय की अनंत गहराईयों से बार-बार हम उनके श्रीचरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
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