सुधाकर की जीत घोसी की जनता की जीत, बड़बोलेपन और दलबदल को दिया नकार
करहाँ, मु.बाद गोहना, मऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में घोसी विधानसभा के उपचुनाव में ओमप्रकाश राजभर का बड़बोलापन एवं
दारा सिंह चौहान का बार-बार दल बदलना वोटरों को रास नहीं आया। यह चुनाव भाजपा नहीं हारी है बल्कि जनता जीत गयी है। क्योंकि भाजपा के बेस वोट ने भी इस चुनाव में दारा को दरकिनार कर दिया है। ओमप्रकाश और उनकी पार्टी के छुटभैये नेताओं द्वारा सवर्णों एवं योगी-मोदी मोदी को गाली देना बर्दास्त नहीं हुआ। इसके अलावा लगातार लोकल नेताओ पर बाहरी बड़े नामों को थोपना भी कहीं न कहीं भीतरखाने से जिले के स्थानीय नेताओं और उनके समर्थकों को रास नहीं आया। यही सब कारण है कि सबके लिए हमेशा चलने वाले लोकल सुधाकर सिंह अपने स्वघोषित आखिरी चुनाव में दलीय सीमाओं को तोड़ते हुए उपचुनाव के इतिहास में रिकार्ड लगभग 43000 वोटों से विजयी हुये हैं।
दारा सिंह चौहान के दलबदल का लंबा इतिहास रहा है। बीएसपी से सियासत की शुरुआत करने वाले दारा सिंह चौहान सियासत के इतने बड़े मौसम वैज्ञानिक हुए कि प्रदेश की कोई भी प्रमुख पार्टी उनसे अछूती नहीं रही। वह कांग्रेस में भी रहे, सपा में रहे, बीजेपी में भी रहे। 1996 में बसपा ने राज्यसभा पहुंचाया। 2000 में वह सपा में चले गए और उसने भी उन्हें राज्यसभा भेजा। 2007 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले वह फिर बसपा में शामिल हो गए। दो साल बाद 2009 में बीएसपी के टिकट पर घोसी लोकसभा सीट से सांसद बनें। 2014 में बीजेपी केंद्र की सत्ता में आई तो वो उसके साथ हो लिए। 2017 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर जीता और 2022 आते-आते फिर पलटी मार ली और सपा का दामन थाम लिया। सपा के टिकट पर फिर विधानसभा पहुंचे लेकिन सालभर के भीतर फिर पाला बदल बीजेपी के साथ हो गए। कहा अब ये जा रहा है कि- "एक छोड़ पूरी को धावें, पूरी मिलै न आधी पावै।"
घोसी उपचुनाव ईवीएम की गिनती के अनुसार फाइनल रिजल्ट..
तैतीसवां और अंतिम चक्र की मतगणना का अपडेट..
2,17,387 मतों की गणना में..
1- सपा - 1,24,295 मत
2- भाजपा- 81,623 मत
3- समीउल्लाह निर्दल-2569 मत
3- अफरोज निर्दल -1725 मत
4- नोटा-1725 मत
इस प्रकार सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह- 42672 मत से आगे हैं।
नोट- इसमें बैलेट पोस्टल का कुल 156 एवं 28 मत पोस्ट का शामिल है। जिसका रिजल्ट अभी जुड़ना बाकी है।
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