संगीत जगत में अपार संभावनाएं हैं मौजूद- विनोद सिंह



संगीत जगत में अपार संभावनाएं हैं मौजूद- विनोद सिंह


करहाँ, मऊ। आज के वैश्विक जगत में पुरुषार्थ, परिश्रम, साधना, संपत्ति, ज्ञान, भक्ति और मनोरंजन के अनेक मार्ग हैं। हम सभी लोग अपनी रुचि और क्षमतानुसार अपना कार्यक्षेत्र चुनते हैं। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष जैसे पुरुषार्थ चतुष्टय को प्राप्त करने के लिए चार वेद एक हथियार के रूप में मनीषियों ने प्रदान किया है। इसी में ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद की परंपरा में सामवेद से संगीत की उत्पत्ति हुई है। आज के वर्तमान समय-काल में इस क्षेत्र में भी अपार और असीमित संभावनाएं मौजूद हैं।


उक्त बातें पूर्वांचल के प्रख्यात गजल-भजन के गायक विनोद प्रताप सिंह ने शहर के मुंशीपुरा में वागेश्वरी संगीत विद्यालय के उद्घाटन अवसर पर कहीं। उन्होंने अर्चना सिंह मंटू और नीतू सिंह के साथ मिलकर विधिवत ज्ञान की देवी वीणावादिनी माता सरस्वती का विधिवत पूजन-अर्चन, माल्यार्पण-पुष्पार्चन व दीप प्रज्ज्वलन करते हुए साधना स्थली का शुभारंभ किया। उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्र के प्रख्यात तबला वादक पंडित संतोष कुमार द्विवेदी एवं अब्दुल कादिर हुसैन के सहयोग से मऊ और आसपास के संगीत साधकों को प्रशिक्षित करके उनके मनचाहे लक्ष्य तक पहुंचाने का भरपूर प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर मौजूद पूर्वांचल के सुप्रसिद्ध ढोलक वादक वीरेंद्र सिंह ने संगीत के 'सा' से 'नी' तक के स्वरों की व्यापक व्याख्या की और नाद को ब्रम्ह से जोड़ने वाला स्रोत बताया। संतोष द्विवेदी व वीरेंद्र सिंह ने जिले और दूरदराज से आये बच्चों को संगीत की बारीकियां समझाई और उनका उत्साहवर्धन किया।


शुभारंभ कार्यक्रम पर मां शारदे के अनेक वरदहस्त प्राप्त पुत्रों विनोद सिंह, कृष्णकांत गौड़, रंजीत भारद्वाज, तबला स्टार आशुतोष सिंह ने संगीत की अनेक विधाओं से समां बांध दिया। इस मौके पर दुर्गेश पांडेय, धनंजय सिंह, अजय कुमार, सोनल सिंह, सुप्रीत यादव, पिंटू चंचल आदि लोग मौजूद रहे।



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