ब्रह्म गायत्री जप यज्ञ से जीवन की बाधाएं होती हैं दूर- पंडित कौशल पाण्डेय महाराज
करहां, मु.बाद गोहना, मऊ। ब्रह्म गायत्री जप यज्ञ में वेद मंत्र गायत्री का जाप किया जाता है। ऋग्वेद की इस मंत्र के जाप से बुद्धि में स्थिरता आती है और जप करने वाले और सुनने वाले दोनों शुद्ध हो जाते हैं। इसके जप से जीवन की अनेक बाधाएं दूर होती हैं।
यह बातें मुहम्मदाबाद गोहना विकास खंड अन्तर्गत सुप्रसिद्ध कोठिया धाम पर हो रही ब्रह्म गायत्री जप यज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए प्रवचनकर्ता कौशल महाराज ने कहीं। आज दूसरे दिन यज्ञाचार्य शिवम मिश्रा व मन्नू चौबे ने यजमान अशोक कुमार सिंह व डॉक्टर राहुल तिवारी के हाथों मंडप प्रवेश के उपरांत वेदी पूजन करवाया। सायंकाल गोधूलि बेला में महर्षि दुर्वासा धाम से पधारे प्रवचनकर्ता कौशल महाराज ने उपस्थित भक्तों के बीच ब्रह्म गायत्री यज्ञ के महात्म्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा कि गायत्री मंत्र के 24 अक्षर रीढ़ की हड्डी के 24 कशेरुकाओं की भांति होते हैं। जिस प्रकार रीढ़ की हड्डी हमारी शरीर को स्थिरता और सहारा प्रदान करती है ठीक उसी प्रकार गायत्री मंत्र भी हमारी मेधा को स्थिर करती है। यह मंत्र हमारी तीनो अवस्थाओं जागृत, सुषुप्त और स्वप्न को प्रभावित करते हुए आध्यात्मिक, आदि दैविक औऱ अधिभूतिका को जागृत करती है।
आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर अरुण उपाध्याय, चंडी प्रसाद तिवारी, शिवप्रसाद यादव, विशाल गुप्ता, फुलेंद्र गोंड़, रमेश यादव, अभिषेक सिंह, सुभाष यादव, बंटी सिंह, केशव यादव आदि उपस्थित रहे।
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