ब्रह्म गायत्री यज्ञ में पंचलक्ष जप की संख्या पूर्ण
करहाँ, मु.बाद गोहना, मऊ। मुहम्मदाबाद गोहना तहसील स्थित कोठिया धाम के ब्रह्मलीन संत ब्रह्मर्षि रामकृष्ण जी महाराज की स्मृति में आयोजित पंचदिवसीय ब्रह्म गायत्री यज्ञ के चौथे दिन पंचलक्ष जप की संख्या पूर्ण की गई। आज सोमवार को हवन पूर्णाहुति पूर्वक भंडारे का आयोजन होगा और भव्य मेला भी लगेगा। जप में पहुंचे कोठिया बाबा के गुरुघराने से 94 वर्षीय प्रज्ञा पुरुष पंडित जनवार्ता पाण्डेय ने विप्रों को जप यज्ञ के महत्व एवं ब्रह्मलीन संत रामकृष्ण जी महाराज के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
रविवार चतुर्थ दिवस में यज्ञाचार्य सुदामा पाण्डेय एवं मनु चौबे ने भदीड़ निवासी एसपी अनिल सिंह सिसोदिया के अग्रज यज्ञ के मुख्य यजमान अशोक कुमार सिंह व डॉक्टर राहुल तिवारी के द्वारा पंचांग पूजन के साथ मंडप में प्रवेश कराया तथा वेदी पूजन के उपरांत विप्रजन मनोयोग से जप यज्ञ में लग गए और सायंकाल तक कुल पांच लाख जप की संख्या पूर्ण की। कोठिया बाबा गुरु परंपरा पीठ से पधारे 94 वर्षीय प्रज्ञा पुरुष पंडित जनवार्ता पाण्डेय ने उपस्थित विप्रो को जप यज्ञ के महत्व के बारे में बताया एवं ब्रम्हर्षि रामकृष्ण जी महाराज के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जप यज्ञ के समान श्रेष्ठ कुछ भी नहीं है। जप के माध्यम से धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है। अत: हमें अपने जीवन मे समस्त प्रयास करते हुए जप में पूर्ण निष्ठा रखनी चाहिए। सर्वत्र तथा सर्वकाल में जप करना प्रशस्त है। "यज्ञाति जप यज्ञ" अर्थात अनेक यज्ञों में जप यज्ञ श्रेष्ठ है। भगवान श्रीकृष्ण ने जप की श्रेष्ठता को मान्यता देते हुए कहा है कि मैं ही यज्ञो में सर्वश्रेष्ट जपयज्ञ हूँ। "यज्ञानां जप यज्ञोस्मि।” श्रीमद आद्य जगद्गुरू शंकराचार्य भगवतपाद ने भी जप को ही योगक्षेम का कारण माना है और कहा है कि "तवापर्णे कर्णे विशति मनुवर्णे फलमिदम्। जन: को जानीते जननि जपनीयं जप विधौ।।”
उन्होंने बताया कि अपने जीवन काल में जप यज्ञ, वैदिक शिक्षा और तपश्चर्या की पराकाष्ठा प्राप्त करने वाले दिव्य संत ब्रह्मर्षि रामकृष्ण जी महाराज परोपकाराय उदारचरितः स्वभाव के स्वामी थे। उन्होंने अपने जीवन काल में कभी धन को हाथ नहीं लगाया। जो उनका था वह सबका था।
चौथे दिन कोठिया, भदीड़, ख़ालिसा, वलीदपुर, भदवा सहित अनेक गांवों के गणमान्य लोग यज्ञ में शामिल हो यज्ञ मंडप की परिक्रमा किये। ब्रह्मर्षि श्रीरामकृष्ण शिक्षण संस्थान के प्रबंधक प्रवीण कुमार राय के द्वारा यज्ञ में शामिल विप्रों एवं उपस्थित लोंगो को भोजन कराया गया। वे स्वयं श्रद्धाभाव से सबकी सेवा में लगे रहे, जूठे पत्तल फेंके और भोजन उपरान्त दक्षिणा प्रदान कर आशीर्वाद लिया। चौथे दिन के यज्ञ संपादन में मुख्य रूप से पंडित लव चतुर्वेदी, नरेंद्र सिंह, भोला चतुर्वेदी, रमेश यादव, डॉक्टर अरुण उपाध्याय, सुभाष यादव, चंडी तिवारी, फुलेंद्र कुमार, अभिषेक सिंह आदि शामिल रहे।
Post a Comment