जो कृष्ण रस का निरंतर पान करे वह है गोपी : पंडित महेशचंद्र
करहाँ, मऊ। स्थानीय विकास खंड के नगपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन कथाप्रवक्ता पंडित महेशचंद्र मिश्र ने महारास की कथा सुनाई। बताया कि यह कथा ब्रह्म के प्रति जीव के समर्पण की कथा है। गोपियां कोई साधारण स्त्री नही हैं। गोभिः इन्द्रियैः कृष्ण रसं पिवति सा गोपी। अर्थात जो प्रत्येक इन्द्रिय से कृष्ण रस का निरन्तर पान करे वह गोपी है।
उन्होंने कहा कि महारास के उपरान्त भगवान मथुरा गये अजर कंस का वध किया। सत्रह बार जरासंध को पराजित किया। अठारहवीं बार ब्राह्मणों को अनुष्ठान में बैठा कर युद्ध करने आया। ब्राह्मणों का सम्मान और प्राणों की रक्षा करने के लिए कन्हैया रण छोड़ कर भाग गए। इसलिए उनका रणछोड़ नाम पड़ गया। रातों रात द्वारिका पुरी का निर्माण करा कर वह द्वारिकाधीश बन गए।
पूर्वाह्न सत्र में यज्ञाचार्य द्वय पंडित आशीष तिवारी एवं पंडित विनीत पांडेय ने मुख्य यजमान अखिलानंद द्विवेदी व इंदूमती देवी से वेदीपूजन एवं हवन करवाया। साथ ही भागवत पुराण के परायण के साथ श्रद्धालुभक्तों ने यज्ञ मंडप की फेरी लगाई। बताया कि इस भागवत पुराण की पुर्णाहुति मंगलवार को और भंडारा बुधवार को होगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से राजकुमार तिवारी, महातम त्रिपाठी, रामशकल, त्रिभुवन मौर्य, अरुण त्रिपाठी, मुकेश त्रिपाठी, नरेश यादव, अजय उपाध्याय, प्रदीप चौधरी, किशुन चौहान आदि मौजूद रहे।
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