ॐ नमः शिवाय.. शिव मंदिर, बाबा घनश्याम साहब मठ गुरादरी धाम

ॐ नमः शिवाय.. शिव मंदिर, बाबा घनश्याम साहब मठ गुरादरी धाम

करहाँ (मऊ) : यह मंदिर मुहम्मदाबाद गोहना से चिरैयाकोट मार्ग पर पड़ने वाले करहां बाजार के पश्चिम में स्थित क्षेत्र के प्राचीन और बाबा घनश्याम दास के सुप्रसिद्ध गुरादरी मठ पर दिव्य गंगा सरोवर के किनारे स्थित है। यहां कभी नहीं सूखने वाले पवित्र जलाशय में स्नान करने वाले श्रद्धालु भक्त पूजन-अर्चन, जलाभिषेक-दुग्धाभिषेक आदि करते हैं।

मंदिर का इतिहास: गुरादरी मठ और यह गंगा सरोवर लगभग 400 साल पुराना है। इस जलाशय में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को अर्घ्य देने के लिए इस मंदिर की स्थापना 112 वर्ष पहले चकजाफरी गांव के निवासी सामू सिंह के पूर्वज स्व. सुब्बा सिंह ने करवाया था। यह लाल पत्थर से निर्मित मंदिर बनारस से बनवाकर ट्रक द्वारा यहां लाकर सीधे स्थापित कर दिया गया था। इस मंदिर के शिवलिंग पर हमेशा स्नान करने वाले भक्तगण जलाभिषेक करते रहते हैं।

मंदिर की विशेषताः चूंकि यह मंदिर क्षेत्र के सबसे अधिक प्रसिद्ध और पुराने स्थान गुरादरी मठ पर स्थित है। इसलिए यहां वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। पवित्र पोखरे के पश्चिमी छोर पर स्थापित इस मंदिर पर सावन, अधिकमास, शिवरात्रि एवं कार्तिक मास में विशेष भीड़ लगती है। दिव्य गंगा सरोवर में स्नान करने वाला प्रत्येक महिला-पुरुष श्रद्धालु यहां जल जरूर अर्पित करता है।

●बाबा घनश्याम दास मठ गुरादरी पर वर्षों से पुजारी की भूमिका में सेवारत हूं। मठ की मुख्य समाधि सहित विभिन्न समाधियों, स्थापित हनुमानजी व शिवजी की पूजा-अर्चना, आरती-भोग नियमित रूप से करता हूं। अनेक भक्तगण भी नियमित होने वाली सुबह-शाम की आरती में भाग लेते हैं।

रामदास महाराज, पुजारी

●मठ पर हमेशा श्रद्धालुभक्तों का आना-जाना लगा रहता है। यहां हजारों की संख्या में बंदर भी विराजमान हैं। इसलिए सभी पूजा स्थलों की देखरेख में हमेशा सेवारत रहता हूं। सावन में यहां ज्यादा भीड़ लगती है तथा वर्ष में पांच बार कार्तिक पूर्णिमा, चैत्र रामनवमी, गोविंद दशमी, मकर संक्रांति व छठ पर्व पर मेला भी लगता है।

संतजी- छेदी सिंह उर्फ़ बुच्ची दादा, शिवभक्त

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