भयंकर बिजली कटौती से आक्रोशित किसानों ने किया प्रदर्शन
◆मऊ जिले के दर्जन भर गांव के किसान हैं बेहद त्रस्त
◆बिजली विभाग के अधिकारियों व ऊर्जा मंत्री को भी दे चुके हैं ज्ञापन
करहाँ (मऊ) : बीते कई वर्षों से बिजली आपूर्ति, भयंकर कटौती, लो वोल्टेज, ओवरलोड आदि की समस्याओं से आजिज मुहम्मदाबाद गोहना ब्लाक के दर्जन भर सीमावर्ती गांवो के किसान त्रस्त हैं। इस संबंध में बिजली विभाग से लगायत ऊर्जा मंत्री तक को दो बार शिकायती पत्रों से अवगत कराया जा चुका है। समस्या से परेशान किसानो ने सोमवार को लग्गूपुर में प्रदर्शन कर बेहद आक्रोश प्रकट किया, साथ ही इसके निस्तारण की शीघ्रातिशीघ्र मांग की।
आजमगढ़-मऊ सीमा पर स्थित जनपद के तिलसवां, राजापुर, लग्गूपुर, पहाड़पुर, कमालपुर, देवसीपुर, सौसरवां, टेकई, हिंडोला, देवरिया खुर्द, देवरिया बुजुर्ग बरसवां, रनपुर आदि ग्रामों के किसानों व ग्रामीणों की बिजली आपूर्ति आजमगढ़ जनपद के परासी फीडर से होती है। जबकि इसका मुख्य कार्यालय जहानागंज है।
यह लोग विगत कई वर्षों से विद्युत व्यवस्था में इनके साथ हो रहे भेदभाव को लेकर परेशान है। कभी लो वोल्टेज व कभी महीनों बिजली गायब होने व अक्सर कहीं न कही फाल्ट होने से परेशान लोग त्रस्त हैं। धान की रोपाई के इस मौसम व बारिश नहीं होने के समय पिछले एक सप्ताह से बिजली आपूर्ति ठप्प होने के समान है। बार-बार शिकायती पत्र व पत्रक देने के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ।
प्रदर्शन कर आक्रोश प्रकट करने वालों में रामदुलार सिंह, बसंत कुमार सिंह, संजय सिंह, पंकज, रविंद्र यादव, रामजनम यादव, सुरेंद्र पासवान, श्यामसुंदर पासवान, राम अवतार यादव, प्रदीप सिह, संतोष सिंह आदि ने बताया कि ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल 9 सितंबर 2023 को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को ज्ञापन दे चुका है। कोई सुधार नहीं होने पर पुनः राजापुर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बसंत कुमार सिंह, ग्रामप्रधान देवरिया बुजुर्ग राधेश्याम राजभर, किसान व व्यवसायी देवेंद्र प्रताप सिंह व समाजसेवी सत्यप्रकाश सिंह ने 20 जुलाई दिन- शनिवार को ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा को पुनः ज्ञापन देकर समस्या के स्थायी समाधान की अपील की।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यतः ओवरलोड के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके स्थायी समाधान के लिए उस क्षेत्र में एक विद्युत उपकेंद्र की सख्त आवश्यकता है। क्योंकि मऊ जिले के करहां विद्युत उपकेंद्र से भी इन गांवों की दूरी अधिक है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व जागरूक नागरिकों के द्वारा भी नये उपकेंद्र बनावाये जाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
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