एसडीएम साहब! तमसा तट के धौरहरा श्मशान घाट पर जनसुविधाओं व पुल का है अभाव
◆मुहम्मदाबाद गोहना उप जिलाधिकारी हेमंत कुमार चौधरी ने बच्चों की जिज्ञासाओं को किया शांत
करहाँ/वलीदपुर (मऊ) : बच्चों के मन में पढ़ाई-लिखाई एवं भविष्य निर्धारण को लेकर अनेक जिज्ञासाएं होती हैं। इन्हीं जिज्ञासाओं का समाधान कर वे नये ज्ञान व अनुभव प्राप्त करते हैं। बच्चों की विभिन्न जिज्ञासाओं को शांत करने एवं उच्चाधिकारियों से मिलने एवं बात करने की उनकी झिझक को दूर करने के लिए दैनिक जागरण द्वारा बाल संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा जाता है। इसी क्रम में बुधवार को मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के उप जिलाधिकारी हेमंत कुमार चौधरी से किंग्स इडेन इंटरनेशनल स्कूल गालिबपुर, मोमिन अंसार गर्ल्स इंटर कालेज अतरारी एवं बीएसआरके इंटर कालेज रामनगर ख़ालिसा के करीब चार दर्जन बच्चों का बल संवाद कराया गया। इस साक्षात्कार में एसडीएम ने बड़े मन से बच्चों के साथ संवाद स्थापित कर उनके प्रश्नों का जवाब दिया। कहा कि अगर पूरी लगन, कठिन परिश्रम, समय प्रबंधन के साथ तथ्यपूर्ण तरीके से अपने विषयों की तैयारी की जाय तो बोर्ड परीक्षा सहित प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त करने से कोई रोक नहीं सकता। प्रस्तुत है सवाल जवाब के कुछ अंश..
◆अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अलग-अलग स्तर से शुरु की जाती है। सिविल सेवाओं की तैयारी इंटरमीडिएट के बाद की जाती है। फिलहाल आप लोग बोर्ड परीक्षाओं पर ध्यान दें।
●एसडीएम के पास किस तरह की शक्तियां होती हैं? आदित्य कुमार गौरव, कक्षा-11
◆एसडीएम तहसील स्तर का सबसे बड़ा अधिकारी होता है। उसके पास प्रशासनिक एवं न्यायिक कार्य करने का दायित्व होता है। साथ ही विवादों का निपटारा, राजस्व मामलों की सुनवाई व दंड निर्धारण सहित वह विभिन्न विभागों का सामंजस्य भी स्थापित करता है।
●आजादी के बाद से गरीबी समाप्त करने की अनेक योजनाओं के बावजूद गरीबी खतम क्यों नहीं हो रही? सोनाया राज, कक्षा-10
◆गरीबी उन्मूलन की अनेक योजनाएं उपर से नीचे की तरफ चलाई जाती हैं जो नीचे तक आते-आते लक्ष्य पूर्ति में कमी छोड़ देती हैं। गरीबी उन्मूलन की जिम्मेदारी शासन प्रशासन के अलावा समाज की भी होनी चाहिये। गरीबों को भी सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं रहना चाहिये। उन्हें आगे बढ़कर खुद भी मेहनत करनी चाहिये और सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहिये।
●पढ़ाई के दौरान याद की गई चीजें भूल जाती हैं, क्या करें? आंजनेय राय, कक्षा-11
◆मैं तो दो बार से अधिक याद नहीं करता था। याद की गई चीजों को दिमाग में दुहराता था और जो चीजें छूटती थीं उन्हें पुनः पढ़ लेता था। इस प्रकार आप लंबे समय तक याददाश्त बनाये रख सकते हैं।
●लक्ष्य निर्धारण में माता-पिता का हस्तक्षेप कहां तक जरुरी है? आदित्य कुमार राजन, कक्षा-11
◆हर माता-पिता को बच्चों से अपेक्षा होती है। माता-पिता को बच्चों से ज्यादा ज्ञान व अनुभव होता है। लेकिन लक्ष्य निर्धारण में बच्चों की ताकत, कमजोरी, रुचि व तैयारी में लगन का ध्यान दोनों को देना होगा।
बीएसआरके इंटर कालेज रामनगर, ख़ालिसा के बच्चों ने पूछे सवाल..
●आपने एसडीएम बनने का अपना लक्ष्य कब और कैसे निर्धारित किया? शिवांशु यादव, कक्षा- 09
◆मेरा एसडीएम बनने का कोई सपना नहीं था। मैं तो बीटेक पूरा कर निजी फर्म में काम करता था। मेरे पिताजी ने घर बुलाकर बैंक पीओ व सिविल सर्विसेज की तैयारी का विकल्प सुझाया। सिविल सर्विसेज में अपेक्षाकृत ज्यादा रुचि होने के कारण मैंने इसकी तैयारी कर सफलता पाई।
●सर हमको एसडीएम बनने के लिये किस तरीके से तैयारी करनी होगी? शगुन पांडेय, कक्षा- 08
◆पूरी लगन, कठिन परिश्रम, समय प्रबंधन के साथ तथ्यपूर्ण तैयारी करें। आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता।
●पढ़ाई के दौरान मन का भटकाव एवं व्याकुलता बढ़ जाती है, क्या करें? जयश्री भारद्वाज, कक्षा-10
◆यह स्वाभाविक है। ऐसे समय मे जो पढ़ने में अच्छा लगे वह विषय पढ़ने लगें। इसके अलावा थोड़ा दिमाग को शांत करने के लिए मनोरंजन के साधनों का प्रयोग कर लें, खेल लें और पुनः तरोताजा होकर पढ़ें।
●सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, इन्हें कैसे रोका जाय? वंदना यादव, कक्षा-12
◆यातायात नियमों के पालन व नशे में गाड़ी न चलाने की जागरुकता से ही इसे रोका जा सकता है। सबको अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
●शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है? निहारिका सिंह, कक्षा-12
◆मेरे समझ से आजकल शिक्षा व्यवस्था काफी महंगी हो गयी है। विद्यालयों को इसमें आगे आना चाहिये ताकि कमजोर आर्थिक स्थिति वाले बच्चे भी समुचित पढ़ाई कर सकें।
मोमिन अंसार गर्ल्स इंटर कालेज अतरारी के बच्चों ने पूछे सवाल..
●सर मेरी मां नहीं हैं, आर्थिक स्थिति कमजोर है। मैं आगे पढ़ना चाहती हूं कैसे पढूं? तुलसी सोनकर, कक्षा-09
◆समाज कल्याण की छात्रवृत्ति योजना एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ लें। मैं अन्य तरीके से भी आपकी पढ़ाई में मदद करने पर विचार करुंगा आप अपना नंबर दर्ज करा दें। आपको आगे पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आयेगी।
●तमसा तट के धौरहरा शमशान घाट पर जनसुविधाओं व पुल का अभाव है। अनुष्का यादव, कक्षा-11
◆मैं इसको देखता हूं। शासन की चल रही अंत्येष्टि स्थल की योजना लागू करके इन सारी सुविधाओं को पूरा किया जा सकता है।
●सर हमें आइएएस बनना है, कैसे तैयारी करें? अंजू कुमारी, कक्षा-12
◆पहले आप स्नातक पूरा कर 21 वर्ष की आयु पूरा करें। उसके बाद शांत चित्त, एकाग्र मन, समय प्रबंधन के साथ लगातार लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास करें।
●भीरा में जर्जर सड़क की समस्या से कैसे निजात मिलेगी? अर्शिया, कक्षा-10
◆आपकी बस्ती में टीकाकरण का गुरुवार को अभियान चलेगा। आप लोग अपनी बस्ती में टीकाकरण को सफल बनाने में सहयोग करिये मैं आप लोंगों की सड़क की समस्या देखकर दूर करवाऊंगा।
●लड़कियों को लड़कों से कमतर समझा जाता है। आखिर लड़कियों को आजादी कबतक मिलेगी? जिकरा फारुखी, कक्षा-11
◆अब ऐसा नहीं है, काफी कुछ बदल गया है। अगर ऐसा कुछ महसूस करती हैं तो पूरी हिम्मत से आगे बढिये, सामना करिये, परिवार के मनोभाव को बदलिये और सपनों को पूरा करिये।
इन्होंने भी पूछे सवाल👇
शिवांगी यादव, विवेक प्रजापति, सौम्या सिंह, आकांक्षा सिंह, निधि कुमारी, साक्षी जायसवाल, शगुन, प्रतीक राय, श्वेता मौर्या, खुशी सिंह, रोशनी चौहान, अमर विश्वकर्मा, कुसुम प्रजापति आदि।
छात्रायें रहें जागरुक, सतर्क व सुरक्षित, हेल्पलाइन नंबरों का करें प्रयोग
एसडीएम हेमंत कुमार चौधरी ने बताया कि अपनी पढ़ाई, आने-जाने व दैनिक जीवन में छात्राएं अगर सजग, सतर्क, जागरुक रहेंगी तो सुरक्षित रहेंगी। आपातकाल में हेल्पलाइन नंबर डायल 112, 1090 व 1076 का प्रयोग करें। आठ मिनट के अंदर आपको सहायता पहुंचेगी। इसके अलावा आप सभी मन-मस्तिष्क से मजबूत बनें। अचानक होने वाले हमलों के प्रति स्वयं सुरक्षा के कुछ उपाय भी सीखें।
ज्यादा मोबाइल व सोसल मीडिया के प्रयोग व ओवरस्पीड से बचें छात्र
एसडीएम ने छात्रों को चेताया कि अभी आप सबकी उम्र उतनी परिपक्व नहीं है कि आप हर गलत-सही का निर्णय ले सकें। इसलिए अपनी पढ़ाई व लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखें। ज्यादा मोबाइल व सोसल मीडिया के प्रयोग से ध्यान न भटकाएं। 18 वर्ष से पहले वाहन न चलाएं और कभी भी तेज गति से वाहन न चलायें। आपका जीवन अनमोल है। आपके कारण आपके माता-पिता को परेशानी न उठानी पड़े।
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