घोसी तहसीलदार शैलेंद्र चंद्र सिंह के भ्रष्ट रवैये से अधिवक्ता आहत
तहसील में चक्कर लगा कर किया विरोध प्रदर्शन
घोसी। तहसीलदार शैलेंद्र चंद्र सिंह के भ्रष्ट रवैये के खिलाफ अधिवक्ताओं ने आज तहसील परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में चक्कर लगाते हुए "गली गली में शोर है, तहसीलदार चोर है" के नारे लगाए, जिससे तहसील परिसर गूंज उठा।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि शैलेंद्र चंद्र सिंह के भ्रष्टाचार ने उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित किया है और उन्होंने कई मामलों में पक्षपाती रवैया अपनाया है। विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस वाली नीति से तत्काल कार्रवाई की मांग की और तहसीलदार के खिलाफ जांच की अपील की। इस विरोध ने तहसील में प्रशासनिक प्रक्रियाओं और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर किया है।
बिना साक्ष्य और बहस सुने, घोसी तहसीलदार शैलेंद्र चंद्र सिंह ने सैकड़ों फाइलें की खारिज
मौजूद अधिवक्ताओं वादकारियों ने घोसी तहसीलदार शैलेंद्र चंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें उन्होंने बिना साक्ष्य और बिना किसी उचित बहस के सैकड़ों फाइलों को खारिज कर दिया। यह मामला तहसील में प्रशासनिक प्रक्रियाओं की अव्यवस्था और न्यायिक निष्पक्षता की कमी को उजागर करता है।
अधिवक्ताओं का कहना है कि तहसीलदार ने बिना मामलों की सही से जांच किए और बिना संबंधित पक्षों की सुनवाई किए फाइलों को खारिज किया, जिससे वादियों और अधिवक्ताओं में नाराजगी फैल गई। यह स्थिति घोसी में प्रशासनिक पारदर्शिता की आवश्यकता को स्पष्ट करती है।
इस दौरान तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मिश्रा, महामंत्री राजेश सोनकर, वरिष्ठ अधिवक्ता जनार्दन यादव, राजेंद्र यादव, रमेश श्रीवास्तव, रत्नेश श्रीवास्तव, दिनेश राय, शमशाद अहमद, ऋषिकेश सिंह, बाबूलाल, नदीम अख्तर, दुर्गेश सिंह, प्रेम प्रताप, वीरेंद्र प्रताप, शहजादे, अनिल कुमार और विपुल राय समेत बड़ी तादाद में अधिवक्ता मौजूद रहे।
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