सादा जीवन उच्च विचार वाले थे पिताजी, राममंदिर आंदोलन में दिया योगदान



सादा जीवन उच्च विचार वाले थे पिताजी, राममंदिर आंदोलन में दिया योगदान

मेरे पिताजी का नाम स्वर्गीय बलिराम मौर्य था जिन्हें लोग ब्रह्मचारी जी व मुनि जी भी कहकर बुलाते थे। उनका जन्म साधारण किसान परिवार में हुआ था। सीमांत किसान और छोटे व्यापारी के रूप में वे सादा जीवन एवं उच्च विचार को आदर्श मानते थे। न्यायप्रिय, उदार, मृदुल स्वभाव के साथ वे तर्क के आधार पर पाखण्डवाद के विरोधी थे।

मात्र ५वीं कक्षा उत्तीर्ण पिताजी स्वाध्याय के द्वारा रामायण, महाभारत, गीता एवं पुराणों का गहन अध्ययन किये थे। विशेष रूप से मुंशी प्रेमचन्द व जयशंकर प्रसाद के ग्रंथों का अध्ययन करते थे। विश्व हिन्दू परिषद में कार्य करते हुए वह मु.बाद गोहना ब्लॉक के अध्यक्ष भी रहे एवं राम मंदिर आन्दोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया।

चंद्रशेखर मौर्य, प्रधानाध्यापक, करहाँ-मऊ

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