अपनों से ज्यादा दूसरों को प्यार-सम्मान देती थीं माताजी:- नायडू
करहाँ, मऊ। हमारी पूजनीया माताजी स्वर्गीय विमला देवी का भाव, विचार बहुत ही आदर्श था। सरल और सहज स्वभाव की माताजी से जो एक बार मिलता वह हमेशा मिलना चाहता। वह सदैव अपनों से ज्यादा दूसरों को प्यार और सम्मान देती थीं। अपने बच्चे-बहू हों या दूसरे के सबको अच्छी एवं मिल-जुल कर रहने की सलाह देती थीं।
आज माताजी के दिये संस्कार एवं सलाह से पूरा परिवार मिल-जुल कर रहता है। पितृपक्ष में स्वर्गीय माताजी को स्मरण करते हुए सादर नमन करता हूँ। सम्पूर्ण परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहे।
कृतज्ञ पुत्र अविनाश सिंह गौतम (नायडू) दतौली-मऊ
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