श्रीराम कथा में पहुँचे लाल बाबा, पूनम सरोज ने किया शुभारंभ
सरयू तट अयोध्या से पधारे श्रीश्री 1008 लाल बाबा ने कहा कि कलयुग में सत्संग और नाम जप सबसे महत्वपूर्ण है। हमें हमेशा यह प्रयास करना चाहिए कि कुसंग से दूर रहें और सत्संग के लिए समय जरूर निकालें। देवरिया जैसी पुण्य और प्राचीन भूमि के आप सभी सम्मानित देवियों और सज्जन बेहद भाग्यशाली हैं जो आपके घर बैठे कथा प्रसाद प्राप्त हो रही है, अन्यथा एक माह प्रयागराज में लोग माघ मेले में रेत पर सोकर कथा श्रवण करते हैं।
गाँव के वरिष्ठ एवं सम्मानित नागरिक वीरेंद्र सिंह ने सपत्निक अपने सुपुत्र रामजी सिंह एडवोकेट के साथ सभी गणमान्य संतो, कथावाचकों, संगीत कलाकारों सहित आयोजन समिति के तमाम पदाधिकारियों को अंगवस्त्रम, माल्यार्पण एवं दक्षिणा प्रदान कर सम्मान किया। सौसरवां निवासी बबलू सिंह एवं समाजसेवी डॉ. उमेश सरोज ने भी सभी को अंगवस्त्र, माल्यार्पण और दक्षिणा प्रदान कर सम्मानित किया।
दीप प्रज्ज्वलन व व्यास पीठ का पूजन, अर्चन व माल्यार्पण भाजपा नेत्री व मुहम्मदाबाद गोहना विधानसभा की निवर्तमान प्रत्यासी पूनम सरोज एवं प्रसिद्ध आर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर उमेश सरोज ने किया। इनके साथ करहाँ भाजपा मंडल ओमकार सिंह मुन्ना, महामंत्री भूपेंद्र सिंह छट्ठू, संघ के पदाधिकारी धर्मेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे। प्रख्यात गजल एवं भजन के गायक विनोद सिंह बबलू और सुरीले भूपेंद्र पाण्डेय की भजन प्रस्तुतियों पर सभी झूमते नजर आए।
मानस मधुर पंडित ललित नारायण गिरी ने रावण वध के बाद राम को राजगद्दी दिलाकर कथा को "हे राजा राम तेरी आरती उतारूं" के साथ भव्य आरती कर विश्राम दिया। "राम राज्य बैठे त्रैलोका, हर्षित भये गए सब शोका।" पांचवें दिवस का संयुक्त मंच संचालन कुँवर अज़ीत सिंह व लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता ने किया तो धन्यवाद ज्ञापन आयोजन समिति के अध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह ने किया। कथा के उपरांत आरती कर महाप्रसाद वितरित की गई।
इस अवसर पर मिंटू सिंह, सतीश सिंह, मीरा पाण्डेय, प्रहलाद सिंह, अभिषेक पाण्डेय, प्रीति सिंह, शीतल पाण्डेय, नागेन्द्र सिंह, मीना रावत, सुभाष सिंह, कमलेश पाण्डेय, सत्यप्रकाश सिंह, गीता यादव, अरविंद सिंह, दिनेश गोंड़, बसंत सिंह, सुबाशंकर सिंह आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे। श्रीराम कथा के विश्राम कद के उपरांत रविवार से इसी स्थल के नजदीक सप्तदिवसीय भागवत कथा का शुभारंभ हुआ है। परिवार एवं ग्रामवासियों के सहयोग से होने वाली ज्ञान कथा यज्ञ के मुख्य यजमान धर्मनाथ सिंह व वृंदावन से आये यज्ञकर्ता आचार्य पंडित पवन गौतम शास्त्री हैं।
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