स्कूली बच्चों ने एसडीएम से की बातचीत। जाने क्या-क्या उठाये अहम मुद्दे-?

स्कूली बच्चों ने एसडीएम से की बातचीत। जाने क्या-क्या उठाये अहम मुद्दे-?


बाल संवाद में एसडीम मुहम्मदाबाद गोहना ने बच्चों को दिया जवाब


बच्चों का अनेक जिज्ञासाओं से भरा होता है। इनसे जुड़े हुए उनके अंदर बहुत सारे प्रश्न उमड़ते हैं। प्रायः बाल मन के प्रश्नों को बड़े उपेक्षा करते हैं जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि प्रश्नों के उत्तर से ही उनके अंदर ज्ञान का विकास होता है। स्कूली बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत करने एवं उन्हें जीवन में अभिप्रेरणा प्रदान करने के लिए दैनिक जागरण द्वारा आयोजित बाल संवाद कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी मुहम्मदाबाद गोहना हेमंत कुमार चौधरी ने उनके प्रश्नों का जवाब दिया। प्रस्तुत है उसके प्रमुख अंश..


जे.के. मेमोरियल पब्लिक स्कूल दरौरा के बच्चों ने पूछे सवाल



सवाल -सर किसान आवारा पशुओं से निजात कैसे पायें ? सुप्रिया सिंह कक्षा-10

जवाब- हमें यह विचार करना होगा कि पशु आवारा क्यों हो गए। यह एक सामाजिक समस्या है। जब पशु उपयोगी होते हैं तब हम उसे रखते हैं अन्यथा खदेड़ देते हैं। इस पर विचार करना पड़ेगा। वैसे सरकार द्वारा नगर पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों में अस्थायी गोआश्रय स्थल बनाकर उनकी सेवा की जा रही है।

सवाल- जीवन में सफलता के लिए लक्ष्य निर्धारण कैसे करें? प्रीतम पाण्डेय कक्षा-10

जवाब- इसके लिए अपनी रुचियों को परखें। लक्ष्य निर्धारण में अभिभावक और शिक्षक को बालक की अभिरुचि अनुसार निर्देशन करना चाहिए।

सवाल- करहां-जहानागंज मार्ग पर लगे बोर्ड पर समयावधि बीत चुकी है लेकिन रोड नहीं बना। क्या यह आपके संज्ञान में है? अनुष्का सिंह कक्षा-10

जवाब- किसी भी निर्माण कार्य में कार्यदायी संस्थाओं के साथ कई विभागों का कार्य रहता है। इसकी प्रक्रिया में देर-सबेर स्वभाविक है। नई तकनीकि से निर्माण के कारण भी विलंब हुआ है।

सवाल-गांवों में सफाई कर्मचारी पैसा देकर दूसरे से काम करवाते हैं? रौशनी चौहान कक्षा-8

जवाब- हंसकर.. यह तो मैंने भी देखा है। मानव स्वभाव के कारण यह एक धारणा बन गयी है कि कोई काम छोटा या बड़ा है। जबकि वास्तव में कोई काम छोटा नहीं है। दूसरी बात यह है कि सरकारी नौकरी वाला सोचता है कि काम न करना पड़े। आशा है आपकी अगली पीढ़ी इस सोच को बदले।

सवाल- सफलता के लिए प्रेरणा जरूरी है कि अनुशासन? राजन राजभर कक्षा-8

जवाब- अनुशासन तो एक ऐसा विषय है जो सम्पूर्ण जीवन जरूरी है जबकि प्रेरणा मिल जाने से लगन बढ़ जाती है और नव ऊर्जा का संचार हो जाता है।

बीएसआरके इंटर कालेज रामनगर खलिसा के बच्चों ने पूछे सवाल


सवाल- उपजिलाधिकारी के रूप में कैसे लोंगो की सेवा करते हैं? जया गुप्ता कक्षा-10

जवाब- हम लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं को जनता तक पहुंचा कर उनकी सेवा करते हैं। इन योजनाओं के प्रति लोंगो को जागरूक भी करते हैं। इसके अलावा भी समय निकालकर जरुतमंदो को हरसंभव मदद करते हैं।

सवाल- पढ़ाई से मन विचलित हो जाता है और नींद आने लगती है क्या करें?

जवाब- शिवम प्रजापति कक्षा-12

जवाब- पढ़ने और सोने की समयावधि कितनी है? आपको 24 घण्टे की समय सारणी बनाकर उसके अनुसार कार्य करने का कड़ा अभ्यास करना चाहिए।

सवाल- यूपीएससी की तैयारी करना चाहती हूँ क्या करूँ? शिवांगी यादव कक्षा-11

जवाब- योजनापूर्वक पढ़ाई के प्रति लगन और निष्ठा पैदा करें। जो भी पढ़े मन से पढ़ें। विभिन्न विषयों से संबंधित सामान्य ज्ञान की विधिवत तैयारी करें। इसके लिए धैर्य और आत्मविश्वास बेहद जरूरी है।

सवाल- आप जैसा बनने के लिए क्या करें? महिमा चौहान कक्षा-12

जवाब- लक्ष्य निर्धारण के साथ अभिभावक एवं शिक्षक के निर्देशन में परिश्रम करें। मन से कठिन परिश्रम करें सफलता जरूर मिलेगी। कोशिश करें जो पढ़े उसे ग्रहण करें। पुनः न पढ़ना पड़े।

सवाल- आपने अपनी तैयारी में कैसे संघर्ष किया? श्रेया तिवारी कक्षा-10

जवाब- मैं शुरू में बेहद सामान्य विद्यार्थी था। पिताजी औऱ शिक्षकों के निर्देशन में मेहनत से पढ़ने लगा तो चीजें आसान होती चली गयी। वैसे संघर्ष और सफलता में लोंगो का नजरिया बदल जाता है। अब तो यह मेरी छठवीं नौकरी है। 


इन विद्यार्थियों ने भी पूछे सवाल- शिवम सिंह, कृष्णा कुमार, अंश चौहान, सत्यम गुप्ता, प्रियांशु कुमार, अविनाश मौर्य, रुद्र प्रताप, चंदन कुमार, आदित्य सिंह, शिवानंद, वैभव कुमार, सुमित यादव, अनुराग सिंह, अश्बा फातिमा, प्रियांशु यादव, गरिमा यादव, अंकिता कुमारी, सना परवीन, सुप्रिया सिंह, सृजन सिंह, अन्या यादव, निहारिका सिंह, संस्कृति चौहान, शिखा यादव, सौम्या सिंह, रितु चौहान, खुशबू यादव, महिमा चौहान, अंशिका यादव, सुप्रिया शर्मा।



बच्चों को सफलता के लिए उपजिलाधिकारी ने दिए मंत्र.. उपजिलाधिकारी हेमंत कुमार चौधरी ने बच्चों को बताया कि हमें अपनी एकेडमिक पढ़ाई के साथ पाठ्य सहगामी क्रियाओं में भी शामिल होना चाहिए। ये दोनों एक दूसरे को प्रेरित और प्रभावित करते हैं। अनुशासन, लगन व धैर्य के साथ नियोजित व ईमानदारी पूर्वक मेहनत आपको सफल जरूर बनाएगी। भटकें नहीं बल्कि अभिभावकों एवं शिक्षकों का मार्गनिर्देशन लेते रहें।



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