मनु से उत्पन्न संतान ही कहलाये मनुष्य : पवन गौतम शास्त्री
करहां, मु.बाद गोहना (मऊ) : मुहम्मदाबाद गोहना विकास खंड अन्तर्गत देवरिया खुर्द में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन सृष्टि के आरंभ की कथा सुनाई गई। इसके तहत मनु शतरूपा की कहानी से श्रद्धालुओं को परिचित कराया गया। कहा कि मनुवसे उत्पन्न संतानों को ही मनुष्य कहा गया।
वृंदावन से पधारे कथा वाचक पंडित पवन गौतम शास्त्री ने कहा कि हम सभी महाराज मनु की संतान हैं इसलिए हमको मनुष्य कहा जाता है। मनु महाराज की तीन बेटियां हुई देवहुति, आकुति एवं प्रसूति। देवहूति का विवाह कर्दम ऋषि के साथ हुआ। वे दक्ष प्रजापति जी के घर भी आई जिन्होंने सती जी को जन्म दिया। गौतम शास्त्री जी ने इसके बाद ध्रुव चरित्र, प्रहलाद चरित्र, अजामिल की कथा, उपाख्यान की कथा, 28 नरकों की कथा, समुद्र मंथन की कथा व वामन भगवान के जन्म की कथा भी सुनाई। इसके अलावा कथा मंच पर सुंदर झांकी के दर्शन भी समस्त ग्राम वासियों एवं क्षेत्र वासियों ने किया।
इस कथा में मुख्य यजमान धर्मनाथ सिंह के कुटुंब सहित आसपास के गांवो के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। क्षेत्रीय नागरिक नागेन्द्र सिंह, धर्मावती देवी, अरुण पाण्डेय, मिंटू सिंह, संदीप रावत, राधारानी, कमलेश पाण्डेय, अंजली, रामअवध यादव, सुंदरम, रमाकांत सिंह, शिवम, बृजेश यादव, रामजी सिंह, अवधेश सिंह, पीयूष सिंह, सोनू सिंह आदि ने कहा कि इस कथा से यह स्थान श्रीधाम वृंदावन बना हुआ है। वैसे भी कहा जाता हैं कि जहां भगवान की कथा होती है वहां सभी देवी देवताओं का वास हो जाता है।
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