भागवत कथा की पुर्णाहुति में पहुंचे धुरंधर महाराज, कथा का बताया महत्व
करहाँ (मऊ) : मुहम्मदाबाद गोहना विकास खंड अन्तर्गत देवरिया खुर्द गांव के प्राचीन शिवालय एवं जलाशय के पास हो रही श्रीमद्भागवत कथा का रविवार को सातवें दिन हवन, पुर्णाहुति एवं भंडारे पूर्वक विश्राम हो गया। पुर्णाहुति दिवस को क्षेत्र के सुप्रसिद्ध वैराग्याश्रम मठ गुरादरी के वर्तमान महन्त मानस धुरंधर भगवान दास जी महाराज का आगमन हुआ। स्वागत माल्यार्पण के बाद उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को कथा का महत्व बताया।
प्रवचन करते हुए उन्होंने कहा कि दैहिक, दैविक और भौतिक संतापों को दूर करने के लिए भगवान का नाम और धाम का स्मरण करना चाहिए। जिस कुल-परिवार पर ईश्वर की अहैतुक कृपा होती है उन्हें भगवान की कथा कराने और सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। पितृदेवताओ के उद्धार के लिए श्राद्ध-तर्पण सहित श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना श्रेयस्कर है। श्रीमद्भागवत कथा भक्त और भगवान की कथा है। इसके श्रवण से हमारे पाप कटते हैं।
सातवें दिन की कथा में पंडित पवन गौतम शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की 16108 शादियों का प्रसंग सुनाया। इन्होंने इसके कारण और निहितार्थ पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्य यजमान सपत्निक धर्मनाथ सिंह, बाबू बुच्ची सिंह, जगदंबा पाण्डेय, महेंद्र सिंह, मिंटू सिंह, रमाकांत सिंह, सतीश सिंह, राधा रानी, दिनेश पाण्डेय, बृजबिहारी सिंह, अंजली, नागेन्द्र सिंह, श्वेता सिंह, राजीव विशेन, मनीषा सिंह, महेंद्र यादव, प्रीति सिंह, नागेंद्र सिंह, सुंदरम, कमलेश पांडेय, अवधेश सिंह, रामजी सिंह वीरेंद्र सिंह, नागेन्द्र सिंह, बालेन्द्र सिंह, संतप्रकाश सिंह शंटू, बृजेश यादव, शीतल पाण्डेय, अरविंद सिंह, अभिषेक पांडेय, रामनरेश यादव, राहुल रावत, प्रवीण यादव, सत्यम, शिवम, मनीष, अमन सहित सैकड़ों गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

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