भागवत कथा से जन्म जन्मांतर के पाप कट जाते हैं: पंडित पवन गौतम शास्त्री
करहाँ, मुहम्मदाबाद गोहना, मऊ। स्थानीय विकास खंड अन्तर्गत देवरिया खुर्द गांव में सप्तदिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन वृंदावन से पधारे पंडित पवन गौतम शास्त्री ने राजा परीक्षित और सुखदेव जी के जन्म की कथा सुनाया। उन्होंने कहा कि भगवान की कथा का श्रवण करने मात्र से ही मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है और जन्म जन्मांतर के पाप कट जाते हैं। अगर मानव अपनी सारी बुराइयों का त्याग कर सच्चे मन से भगवान की शरण में आए तो उसकी आत्मा से परमात्मा का मिलन हो जाता है। श्री शास्त्री ने सुखदेव द्वारा सात दिन तक परीक्षित को भगवान श्री हरि की कथा के वृतांत के बारे में बताते हुए कहा कि माता पार्वती के आग्रह पर भगवान शिव उन्हें श्री हरि कथा के बारे में बता रहे थे। इस दौरान वहां श्री सुखदेव भी पहुंच गए और उन्होंने पूरे मनोयोग से कथा का श्रवण किया। सुखदेव ने कथा का श्रवण करने के बाद इस कथा को राजा परीक्षित को सुनाया। भगवान की कथा का श्रवण कर राजा परीक्षित को सात दिन में मृत्यु के श्राप से मुक्ति मिल गई। कथा में उन्हीने बताया कि राजा परीक्षित ने कथा श्रवण कर श्री सुखदेव जी से कहा गुरुदेव आपने मुझ पर असीम अनुकंपा किया है। कथा को श्रवण कर मुझे यह ज्ञात हुआ की आत्मा जन्म लेती है मरती नहीं है। शरीर जन्म लेता है और एक दिन यहीं पर छूट जाता है। आज श्रीमद् भागवत कथा को श्रवण कर मेरा अंतःकरण पवित्र हो गया है। कथा के दौरान धर्मनाथ सिंह, नागेन्द्र सिंह, धर्मावती देवी, कमलेश पाण्डेय, वीरेंद्र सिंह, मिंटू देवी, रानू सिंह, अवधेश कुमार, श्वेता, राधा, अंजली, रामजी सिंह, प्रीति, विनय कुमार, रामअवध यादव आदि अनेकों ग्राम वासी उपस्थित रहे।
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