ज्ञान और आनंद के सागर हैं स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज
करहां (मऊ) : उत्तर प्रदेश राज्य ज मऊ जनपद अंतर्गत मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के नगपुर में जन्म लेकर आज सम्पूर्ण विश्व को अपने ज्ञान के आलोक से देदीप्यमान करने वाले सिद्ध संत और भारत राष्ट्र के प्रख्यात शांकर सन्यासी परमहंस परिव्राजकाचार्य स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज हैं। 27 वर्ष की युवावस्था में आपने सन्यास धारण करने के बाद कुल 1095 दिनों में हिमसेतु पर्यन्त अर्थात हिमालय से कन्याकुमारी तक नंगे पांव पदयात्रा की है। आपने काशी से अयोध्या तक की एक लघु पदयात्रा भी की है। आपके वैदिक शोध रामसेतु के सत्यापन में न्यायालय ने स्वीकार किया।
आपके द्वारा कालगणना पर विभिन्न शोध पत्र प्रस्तुत करके पाठ्य पुस्तकों में संशोधन किए गए हैं। वर्तमान में आप पांच वैदिक शोध सहित विभिन्न संस्थानों के संस्थापक अध्यक्ष रहते हुए विभिन्न कालजयी कार्यो में लगे हैं। अपना वैराग्य जीवन अयोध्या से प्रारंभ करने वाले इन सिद्ध संत को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में एक व्यक्ति और वाहन के साथ निमंत्रण व पास भी प्राप्त हुआ है और आप सनातन परंपरा के ध्वज वाहक के रूप में श्रीधाम अयोध्या पधार चुके हैं।
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