गँवई वाटरपार्क बना मठ गुरादरी का पाताल गंगा जलाशय
करहाँ (मऊ) : मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के करहाँ बाजार स्थित बाबा घनश्याम साहब की तपस्या स्थली के रूप में विख्यात मठ गुरादरी धाम जहाँ अपार आस्था एवं विश्वास का केन्द्र है, वहीं यहाँ स्थित 350 वर्षो पुराना वर्ष भर जलमग्न रहने वाला पाताल गंगा जलाशय गँवई वाटरपार्क बना हुआ है। बयालिस गाँवों के हजारों श्रद्धालु जहाँ यहाँ दर्शन, पूजन व स्नान करने आते हैं वहीं इस भीषण गर्मी में जलविहीन हो चुके ताल पोखरों की वजह से साफ व ठंढे जल से भरे इस जलाशय में खासकर युवा जलक्रीड़ा का आनन्द उठाते हैं।
बता दें कि यह स्थान बाबा घनश्याम साहब, पदारथ साहब, महाबल साहब, प्रहलाद साहब, सत्यनारायण साहब व जगन्नाथ साहब जैसे संतो की दिव्य समाधियों के रूप में प्रसिद्ध है। यहीं यहाँ के पहले महंथ बाबा घनश्याम दास की तपस्या से उत्पन्न पाताल गंगा जलाशय का पानी कभी नहीं सूखता। इस भीषण गर्मी में जहाँ जिले भर के ताल, पोखरे व लाखों की लागत से बने अमृत सरोवर सूख चुके हैं, और पशु, पक्षी, मनुष्य सभी पानी की समस्या से दो-चार हो रहे हैं; ऐसे में यहाँ जलमग्न पाताल गंगा जलाशय पशु, पक्षियों, योग, प्राणायाम, व्यायाम, टहलने व स्नान करने वालों का एक मनोरम स्थल बना हुआ है। यहाँ सुबह शाम सैकड़ो स्त्री-पुरुष सैर करने आते हैं तो दर्जनों युवा जलक्रीड़ा का आनन्द उठाते हैं।
मठ प्रबन्ध तंत्र के द्वारा सुबह-शाम अंडरग्राउंड नाली के द्वारा ठंढा एवं ताजा जल एक तरफ से भरा जाता है और गर्म एवं गंदा जल दूसरी तरफ से बाहर निकलता है। इससे पशु, पक्षियों एवं सैकड़ो बंदरों की जीवनचर्या भी चलती है। कुल मिलाकर जिले का यह एक सुंदर, मनोरम एवं पवित्र आस्था का केंद्र भयंकर गर्मी में एक खास पर्यटन स्थल के रूप में जाना-पहचाना जाता है, जिसके भविष्य में और अधिक विकास और सुंदरीकरण की आवश्यकता है।
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