पिताजी ने कठिन परिस्थितियों में परिवार को आगे बढ़ाया : भीष्मदेव सिंह, भदीड़
■करहां (मऊ) : मेरे पूज्य पिता स्वर्गीय रामवृक्ष सिंह पहले सेना व बाद में ग्राम विकास अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने अपना जीवन बेहद कठिन परिस्थितियों से गुजारते हुए परिवार को आगे बढ़ाया। महज सात वर्ष की अल्पायु में सर से माता-पिता का साया उठ जाने के बाद उन्हें ननिहाल में रहना पड़ा।
कठिन परिस्थितियों के बीच उन्होंने पढ़ाई की और स्व. रामवृक्ष सिंह मेधावी विद्यार्थियों में अपना नाम भी शुमार किया। 1994 में अपनी अपनी अंतिम सांसों के दौरान उनके कहे वाक्य 'चौकठ की मर्यादा की रक्षा रखना' को ध्येय बनाकर उनके सपनों को साकार कर रहा हूं। पितृपक्ष में उनकी पुण्य स्मृतियों को नमन।
◆भीष्मदेव सिंह, सेवानिवृत्त ग्राम विकास अधिकारी, भदीड़, मऊ
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