बच्चों में अनुशासनयुक्त शिक्षा व संस्कार जरूरी
वलीदपुर/करहां (मऊ) : वैसे तो समाज के हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में अनुशासन का पालन करना चाहिये, लेकिन सीखने की सबसे प्रमुख अवस्था अर्थात छात्र जीवन में अनुशासन की मजबूती से बुनियाद पड़ना बेहद जरूरी है। अनुशासन के बगैर हमारा जीवन पशु के समान है। इसलिये कहा जाता है कि अनुशासनयुक्त शिक्षा व संस्कार ही समाज को आगे बढ़ा सकता है। इन्ही बातों को लेकर दैनिक जागरण परिवार संस्कारशाला के माध्यम से बच्चों के जीवन में उपयोगिता साबित कर रहा है।
यह बातें मोमिन अंसार गर्ल्स इंटर कालेज अतरारी, मुहम्मदाबाद गोहना की प्रधानाचार्या ज़ाहिदा वहीद ने कहीं। वे गुरुवार को कालेज में छात्राओं को दैनिक जागरण के संस्कारशाला की पाठशाला वाली कहानी सुना रही थीं।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन में सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों का होना अति आवश्यक है। इसके लिए जरूरी है कि छात्र छात्राएं अनुशासन व संस्कार को कतई नहीं भूलें, यहीं उन्हें आगे लेकर जाएगा और सफलता के मार्ग को भी प्रशस्त करेगा। बताया कि सभी माता-पिता को अपने बच्चों को अनुशासन और संस्कार की शिक्षा देनी चाहिए, अगर बच्चे के अंदर संस्कार और अनुशासन आ जाए तो उन्हें सही मार्ग पर चलने में कोई कठिनाई नहीं होगी। मनुष्य को सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों को लेकर आधुनिक परिवेश में तालमेल बैठाना ही होगा। ऐसा न करने पर उपभोक्तावादी दौर में एक उत्पाद बनाकर ही रह जाएंगे। समाज में हम खुद को अपनी पहचान स्थापित नहीं कर पाएंगे, इसलिए सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को समझना पड़ेगा।
हमको मिल रही नवीन जानकारी से किनारा भी नहीं करना है, लेकिन उतना ही लेना है जितना हमारे जीवन के लिए उपयोगी है। बताया कि सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्य हमें जीवन के प्रति सजग करते हैं। वैश्वीकरण के इस दौर में समायोजित होना अति आवश्यक है, नहीं तो आप पिछड़ जाएंगे। इसके साथ ही यह भी उतना आवश्यक है कि हम विरासत में मिले सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों का क्षरण न होने दें। इस अवसर पर विद्यालय के अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं भी मौजूद रहे।
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