कार्यशाला में प्रधानों व प्रधानाध्यापकों के सामंजस्य पर दिया गया जोर

कार्यशाला में प्रधानों व प्रधानाध्यापकों के सामंजस्य पर दिया गया जोर

करहाँ (मऊ) : मुहम्मदाबाद गोहना ब्लॉक के बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय बीआरसी पर वृहस्पतिवार को एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें विद्यालय के भौतिक व शैक्षिक विकास में ग्रामप्रधानों, स्थानीय प्राधिकारियों एवं प्रधानाध्यापकों के आपसी सामंजस्य पर जोर दिया गया। साथ ही विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में कायाकल्प और अन्य विकास कार्यों के संबंध में चर्चा की गई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खंड विकास अधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर कुशवाहा, विशिष्ट अतिथि एडीओ आईएसबी संजय कुमार पांडेय एवं आयोजनकर्ता खंड शिक्षा अधिकारी श्वेता मौर्या ने सरस्वती प्रतिमा पर पूजन-अर्चन, माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। अनेक छात्राओं ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत, लवकुश कांड व रानी लक्ष्मी बाई पर विविध सांस्क्रतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर वाहवाही प्राप्त की।

बीडीओ डॉक्टर चंद्रशेखर कुशवाहा ने कहा कि सरकार की योजनाओं के अनुरूप ग्राम पंचायतों में स्थित परिषदीय विद्यालयों को कायाकल्प योजना के अंतर्गत संतृप्त किया जाना है। इसमें प्रधानाध्यापक और ग्राम प्रधानों की भूमिका महत्वपूर्ण है। कहा कि ग्राम प्रधान और संबंधित प्रधानाध्यापक आपसी तालमेल और एक दूसरे के सहयोग से 19 बिंदुओं पर संयुक्त रूप से कार्य कर सरकार और शासन के निर्देशानुसार विद्यालयों को आधुनिक और संतृप्त बनाने में सहयोग करें। उन्होंने विद्यालयों में कायाकल्प के अंतर्गत अधूरे कार्यो के संबंध में प्रधानाध्यापकों से सूचना देने का निवेदन किया ताकि उन कार्यों को पूरा कराया जा सके।

कार्यक्रम की आयोजक खंड शिक्षा अधिकारी श्वेता मौर्या ने कहा कि मिशन कायाकल्प के अंतर्गत अधिकांश स्कूलों में कार्य कराया जा रहा है। कुछ में कार्य पूरा भी हो चुका है। भारत निपुण लक्ष्य के अंतर्गत बच्चों को निपुण बनाने में ग्राम प्रधानों की भी भूमिका महत्वपूर्ण है। कहा कि शत प्रतिशत नामांकन में भी ग्राम प्रधान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।  गांव के मुखिया के नाते अधिकांश आबादी पर उनका प्रभाव होता है। ऐसे में नामांकन बढ़ाने में वह अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायें। उन्होंने कहा कि शासन से छात्रों के स्कूल ड्रेस और जूता, मौजा, बैग आदि के लिए अभिभावको के खाते में सीधा पैसा जाता है, लेकिन अधिकांश अभिभावक उसे अन्य मदों में खर्च कर देते हैं। हमारी अपेक्षा है कि ग्राम प्रधान  अभिभावकों को ड्रेस का महत्व बताकर उन्हें ड्रेस, जूता, मोजा और अन्य सामग्री खरीदने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कायाकल्प और अन्य 19 सूत्रीय कार्यक्रम में एक दूसरे के सहयोग करने की अपेक्षा किया।

कार्यशाला का सफल मंच संचालन प्राथमिक विद्यालय मालव के प्रधानाध्यापक धनंजय सिंह ने किया। इस अवसर पर एसआरजी संजय तिवारी, एआरपी पवन गुप्ता, नदीम अहमद व प्रधानाध्यापक गण रामनिवास मौर्य, स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव, प्रतिमा राय, राजेश राम, चंद्रशेखर मौर्य, हरिलाल यादव, आशा देवी, विमला सिंह, संध्या देवी, सुशीला आदि सहित अन्य प्रधानाध्यापक और ग्राम प्रधानगण मौजूद रहे।



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