अधिवक्ता संशोधन बिल के विरोध में अधिवक्ताओं का प्रदर्शन
ज्ञापन देकर कानून वापस लेने की उठी मांग
घोसी। अधिवक्ता संशोधन बिल के खिलाफ शुक्रवार को घोसी तहसील बार एसोसिएशन के मंत्री राजेश सोनकर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में तहसील बार एसोसिएशन और कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के सैकड़ों अधिवक्ताओं ने काली पट्टी बांध कर भाग लिया और अपना विरोध जताने के लिए चक्रमण किया।
अधिवक्ताओं ने ‘अधिवक्ता विरोधी कानून वापस लो, वापस लो’ के जोरदार नारे लगाए और इस संशोधन बिल को अधिवक्ताओं के अधिकारों पर हमला करार दिया। तहसील बार एसोसिएशन के मंत्री राजेश कुमार सोनकर ने कहा कि यह बिल उनके पेशेवर स्वतंत्रता और कार्यप्रणाली को बाधित करेगा, जिससे न्यायालयों में न्याय की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
संगठित रूप से विरोध करते हुए अधिवक्ताओं ने महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित एक चिट्ठी घोसी के एसडीएम अभिषेक गोस्वामी को सौंपी। इस चिट्ठी में अधिवक्ताओं ने बिल को तुरंत वापस लेने की मांग की और कहा कि अगर सरकार ने इसे वापस नहीं लिया, तो वे और भी बड़े प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं।
घोसी तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मिश्र ने कहा कि यह संशोधन बिल उनके पेशेवर कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप करेगा और न्यायिक प्रणाली के स्वतंत्रता को खतरे में डाल सकता है। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल अधिवक्ताओं ने मिलकर सरकार से इस विधेयक पर पुनर्विचार करने की अपील की है। अधिवक्ताओं के इस विरोध को देखते हुए, एसडीएम अभिषेक गोस्वामी ने मामले को उचित स्तर पर भेजने का आश्वासन दिया।
इस दौरान तहसील बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री ब्रजेश पाण्डेय, नदीम अख्तर, अरविंद सिंह, राजेंद्र यादव, विपुल राय, कैलाश, सतीश, उमाशंकर ब्रह्मदेव उपाध्याय, सुतीक्ष्ण मिश्र, कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष रफ़ियुल्लाह खान, शमशाद अहमद समेत बड़ी तादाद म अधिवक्ता मौजूद रहे।
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