श्रीमद्भागवत कथा की हुई पुर्णाहुति व भंडारा
करहां (मऊ) : गीता जयंती महोत्सव पर आम्रपाली वैदिक शोध संस्थान बकवल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा की सोमवार को पुर्णाहुति हो गई। इसके उपरांत भव्य भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया।
यज्ञाचार्य डाक्टर धनंजय पांडेय ने सहयोगी आचार्यगणों के साथ भारत राष्ट्र के प्रख्यात शांकर सन्यासी स्वामी ज्ञानानंद सरस्वतीजी महाराज व मुख्य यजमान उर्मिला सिंह के हाथों पूर्णाहुति करवाई। इस अवसर पर स्वामीजी ने कहा कि मार्गशीर्ष भगवान वासुदेव का प्रिय मास है। इसमें कथा श्रवण विशेष फलदायक है। उन्होंने बताया कि जब हमारे जन्म जन्मांतर के पुण्यफल उदित होते हैं तब हमें कथा व सत्संग का प्रसाद प्राप्त होता है।
स्वामीजी ने पुर्णाहुति पर आशीर्वचन के क्रम में बताया कि यह सारा कुछ पूर्वजों के आशीर्वाद एवं मां भगवती पराम्बा की असीम कृपा अनुग्रह से फलित होता है। श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव 21 पीढ़ी के पितरो को शांति प्रदान करती है। इस कथा का जो आयोजक होता है वह भी, और जो सुनता है वह भी दोनों महान पुण्य के भागी बनते है। कहा कि कभी भी हमें देव एवं पितृ कार्य में प्रमाद नहीं करना चाहिए। देव पितृ कार्यम न प्रमतव्यम।
कहा कि आप सभी बड़े भाग्यवान और पुण्यवान हैं जो भगवान योगेश्वर कृष्ण की श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान कथा यज्ञ कथा का फल प्राप्त किये हैं। ऐसे आयोजन का संकल्प, श्रवण एवं वरण करने वाले सभी मोक्ष को प्राप्त करते हैं। इसलिए आप सभी इस कथा के साक्षी बने हैं। क्योंकि सनातन धर्म में सब कुछ पूर्ण है। पूर्णमिदह पूर्णमिदं पूर्णात पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते।।
बताया कि इस यज्ञ का आरंभ वरुण पूजन से होता है और पूर्णाहुति नारियल से होती है। जो व्यक्ति अपने पितरों के लिए तर्पण, होम करहिं विधि नाना। वह भगवान और पितरों का कृपापात्र बन जाता है। इस अवसर पर गौरव मिश्र, शुभम तिवारी, रामविजय सिंह, प्रभुनाथ राम, धीरेंद्र सिंह, आचार्य अभिषेक, महेशचंद्र, रामशब्द सिंह विनीत पांडेय, आशीष तिवारी, प्रभुनाथ राम, किशुन चौहान, रमेश राय, सहित सैकड़ों स्त्री-पुरुष श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।

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