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श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह की कथा सुन भावविभोर हुए श्रोता

श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह की कथा सुन भावविभोर हुए श्रोता

करहां (मऊ) आम्रपाली वैदिक शोध संस्था में जारी श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिवस पर रविवार को रुक्मिणी परिणयोत्सव की दिव्य कथा ने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद से सराबोर कर दिया। परम पूज्य परमहंस परिव्राजकाचार्य श्रीस्वामी ज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज ने रुक्मिणी विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि रुक्मिणी हरण कोई बलपूर्वक क्रिया नहीं, बल्कि श्रीकृष्ण की अनन्य करुणा और दिव्य प्रेम लीला है।

स्वामीजी महाराज ने भक्तों को रुक्मिणी जी के श्रीकृष्ण को लिखे प्रणय-प्रेषण का अद्भुत भाव सुनाते हुए बताया कि देवी ने अपने तप, दान, नियम और व्रतों से संचित पुण्य के बल पर भगवान से प्रार्थना की कि वे स्वयं आकर उनका पाणिग्रहण करें, और कोई अन्य पुरुष उन्हें स्पर्श भी न कर सके। इसी सत्य संकल्प को पूरा करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण गरुड़ध्वज पर आरूढ़ होकर विदर्भ पहुंचे और विरोधी राजाओं का पराभव कर रुक्मिणी जी का विधिवत पाणिग्रहण किया।

द्वारका आगमन पर नगर उत्सवमय हो उठी। स्थान-स्थान पर कलश, आम्र-पल्लव, अशोक, तामाल, कुशा के तोरण, विविध मालाएँ, ध्वजाएँ और वैदिक मंत्रों की मंगलध्वनि से पूरा वातावरण पवित्र हो गया। चारदंती हाथियों की शोभायात्रा और समुद्र-तरंगों सी उमड़ती भीड़ ने उत्सव की भव्यता में चार चाँद लगा दिए।

द्वारकावासी भक्तों ने रुक्मिणी को साक्षात महालक्ष्मी और द्वारकाधीश को चतुर्भुज महाविष्णु के स्वरूप में दर्शन कर अलौकिक आनंद का अनुभव किया। इसी अवसर पर भगवान शालिग्राम और तुलसी महारानी का मंगलिक परिणयोत्सव भी पूर्ण रीति से संपन्न हुआ। वैदिक आचार्यों पंडित गौरव मिश्र, अभिषेक पांडेय, महेशचंद्र, विमल मिश्र, विनीत पांडेय, आयुष कुमार, आशीष तिवारी, प्रियव्रत कुमार आदि ने मंत्रोच्चार किया और संगीत मंडली के आचार्य शुभम, हारमोनियम से अमित मिश्र, ऑर्गन से हिमांशु तिवारी, तबला से विकास पाण्डेय और पैड से सुधांशु मिश्र ने भजन माधुरी से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। अंत में मंगल शृंगार, गुरुपीठ पूजन व आरती के साथ कथा का विश्राम हुआ।

इस अवसर पर यज्ञाचार्य डॉक्टर धनंजय पांडेय, मुख्य यजमान उर्मिला सिंह, रामविजय सिंह, सुमन देवी, धीरेंद्र सिंह, प्रियंका सिंह, कालिका सिंह, अदिति कुमारी, गणेश सिंह, शशिबाला, प्रभुनाथ राम, मधुरिमा सिंह, किशुन चौहान, वर्तिका सिंह, चंद्रभान, पारसमणि, आशीष चौधरी, डॉक्टर रामशब्द सिंह, संगीता देवी, कृष्णमोहन, रामनारायण गुप्ता, बालेन्द्र सिंह, मनोज राजभर, ज्ञानवेंद्र सिंह सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। सबने समवेत स्वर में भागवत भगवान की आरती की एवं कथा प्रसाद ग्रहण किया।




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