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अच्छे हैं भाग्य हमारे जो दर्शन हुये तुम्हारे


अच्छे हैं भाग्य हमारे जो दर्शन हुये तुम्हारे



करहां, मु.बाद गोहना, मऊ। मुहम्मदाबाद गोहना विकास खंड और रानीपुर थाने के अंतर्गत नगपुर गाँव में जन्म लेकर आज सम्पूर्ण विश्व को अपने ज्ञान के आलोक से देदीप्यमान करने वाले दंडी सन्यासी परमहंस परिव्राजकाचार्य स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज का पावन आगमन हुआ। मात्र 27 वर्ष की उम्र में शांकर सन्यासी बने स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती सन्यास धारण करने के 28 वर्षो बाद पूर्वाश्रम की जनभूमि को नमन करने पहुँचे। क्षेत्रवासियों ने महाराजश्री का भव्य स्वागत किया और उन्होंने उन्हें मंगल नारायणाशीष प्रदान किया। मंच संचालक पंडित हरिओम शरण ने कहा कि हमारे अहोभाग्य हैं कि भगवान राम तो 14 वर्ष के बाद वनवास से अयोध्या आये परंतु हमारे स्वामी जी 28 वर्षो के बाद अपने पूर्वाश्रम के निजधाम पधारे। 'अच्छे हैं भाग्य हमारे जो दर्शन हुए तुम्हारे, खिल गए कमल हैं मन के जो द्वार हमारे आये।'

बता दें कि श्रीस्वामी जी महाराज वर्तमान में श्रीमद आद्यशंकराचार्य प्रज्ञा धाम गंगा घोष कुर्था गाधिपुरी, श्रीमद आद्यशंकराचार्य वैदिक शोध संस्थानम लहुराबीर काशी, श्रीपीठ छोटी परिक्रमा मार्ग गोवर्धन, श्रीकृष्ण योगमाया शक्तिपीठ अष्टभुजा विंध्याचल एवं श्रीगोकुलम धाम मोतिया झील विंध्याचल जैसे आश्रमों के संस्थापक अध्यक्ष हैं। आपने अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व से भारत राष्ट्र ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में अपने ज्ञान, आनंद एवं वैदिक शोधों से प्रसिद्धि पाई है।

सन्यास धर्म के 28 वर्षों बाद पूर्वाश्रम की जन्मभूमि को नमन करने पहुँचे स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती ने गाँव के रामजानकी मंदिर, माता माई मंदिर एवं ब्रह्म बाबा मंदिर में पूजन-अर्चन किया एवं विभिन्न ग्रामीण भक्तों को दर्शन लाभ एवं आशीर्वचन से अभिसिंचित किया। स्वामी जी ने सैकड़ों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबकी शुभेक्षाओं के कारण इसी रजकण से निकलकर यह तृण विश्व भर के प्राण-प्रण की सनातनी सेवा कर रहा है। आप सभी देव, द्विज, पितृ, प्राज्ञ पूजन करते हुए अपने-अपने निजधर्म का निर्वाह करें एवं देश व समाज की सेवा करें, ऐसी मेरी आप सभी के लिए मंगल आशीष है।

गाँव के केंद्र माता माई स्थल पर क्षेत्रवासी रविभूषण सिंह, राजकुमार तिवारी, अखिलानंद द्विवेदी, रामाश्रय तिवारी, किशुन चौहान, महातम त्रिपाठी, इन्द्रराज यादव, चंद्रभूषण तिवारी, वीरेंद्र मद्धेशिया, सुधीर लाल श्रीवास्तव, अरविंद तिवारी, दिनेश श्रीवास्तव आदि ने स्वागत किया। स्वागत भाषण अरुण त्रिपाठी एवं आभार प्रदर्शन प्रभुनाथ राम ने किया। इस अवसर पर सैकड़ो महिला-पुरुष, बालक-बालिकाएं एवं युवक-युवतियां भावपूर्ण माहौल में जयघोष करते हुए उपस्थित रहे।

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