ॐ नमः शिवाय.. कीर्तिश्वर महादेव मंदिर, भतड़ी-परासी
करहाँ (मऊ) : मुहम्मदाबाद गोहना तहसील अंतर्गत भतड़ी चक भतड़ी व परासी ग्राम के आखिरी छोर पर अत्यंत ही शांत एवं ऊर्जावान स्थान पर स्वयं प्रकट हुए कीर्तिश्वर महादेव का मंदिर है। यहां बगल में नयनाभिराम विग्रह युक्त रामजानकी का भी मंदिर है। मनोकामना पूर्ति करने वाले इस शिवालय की कीर्ति चहुंओर फैली है। यहां वर्षों तपस्या करने वाले संत रामकृष्ण महाराज 'मौनी बाबा ने इन्हें कीर्तिश्वर महादेव की संज्ञा दी।
मंदिर का इतिहास : बगल के गांव नेवादा में जन्म लेकर 1963 में वैराग्य धारण कर यहां के शांत जंगल में तपस्या करने वाले रामकृष्ण महाराज 'मौनी बाबा' को यहां स्वयंभू शिवजी का प्रथम दर्शन हुआ। काशी में वर्षों रहने के बाद वापस आकर तपस्या करने लगे और 12 वर्ष तक बगल के गढ़वा किले में स्थित कुएं से जल लाकर जलाभिषेक करते रहे। 1985 में मौन व्रत तोड़ने के उपरांत उन्होंने यहां शिवालय का निर्माण कर एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया। तबसे यहां प्रतिवर्ष सावन व शिवरात्रि पर भक्तों का रेला उमड़ता है। सावन माह में पूरे माह भक्त दर्शन-पूजन कर निहाल होते हैं।
मंदिर की विशेषता : स्वयं प्रकट हुए कीर्तिश्वर महादेव की कीर्ति मनोरथ पूर्ण करने वाले महादेव के रूप में जानी जाती है। आजमगढ़ व मऊ की सीमा होने के कारण दोनों जनपदों के दर्जनों गांवों के श्रद्धालु इस स्थान पर पूजन-अर्चन एवं साधना करने आते हैं। यहां आने से मन शांत और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। सन 2000 में मौनी बाबा के ब्रह्मलीन हो जाने के उपरांत संत कमल दास को यहां का महंत बनाया गया, जिन्होंने यहां पर रामजानकी मंदिर का भी निर्माण करवाया।
●वर्तमान महंत कमल दास के द्वारा पिछले वर्ष श्री सीताराम एक कुंडीय यज्ञ क्षेत्रीय नागरिकों के सहयोग से संपन्न करवाई गई। इसमें मुझे सर्वसम्मति से पुजारी बनाया गया। तबसे लेकर अब तक मंदिर की सेवा में तल्लीन हूं। सच्चे मन से आराधना करने वाले भक्तों की मनोकामना महादेव पूरी करते हैं।
●पूर्ववर्ती महंत रामकृष्ण महाराज उर्फ मौनी बाबा सिद्ध संत थे। उनकी तपस्या स्थली को निरंतर सजाने और संवारने का प्रयास कर रहा हूं। इसमें भतड़ी, परासी, नेवादा आदि गांवों के ग्रामप्रधान सहित ग्रामवासियों का हमेशा सहयोग मिलता रहता है। भगवान शिव सबका मंगल करें।
Post a Comment