ब्रह्म गायत्री यज्ञ से आती है जीवन में शुद्धि : आचार्य शिवम

ब्रह्म गायत्री यज्ञ से आती है जीवन में शुद्धि : आचार्य शिवम

करहां, मऊ। ब्रह्म गायत्री जप यज्ञ में वेद मंत्र गायत्री का जाप किया जाता है। ऋग्वेद की इस मंत्र के जाप से बुद्धि में स्थिरता एवं जीवन में शुद्धि आती है। साथ ही जप करने वाले और सुनने वाले दोनों के तन-मन शुद्ध हो जाते हैं। इसके जप से जीवन की अनेक बाधाएं दूर होती हैं।

यह बातें मुहम्मदाबाद गोहना विकास खंड अन्तर्गत सुप्रसिद्ध कोठिया धाम पर हो रही ब्रह्म गायत्री जप यज्ञ के तीसरे दिन शुक्रवार को श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य शिवम ने कहीं। बुधवार को यज्ञाचार्य शिवम मिश्रा ने यजमान अशोक कुमार सिंह के हाथों मंडप प्रवेश के उपरांत वेदी पूजन करवाया। अपराह्न उपस्थित क्षेत्रीय भक्तों के बीच पंडित शिवम ने ब्रह्म गायत्री यज्ञ के महात्म्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गायत्री मंत्र के 24 अक्षर रीढ़ की हड्डी के 24 कशेरुकाओं की भांति होते हैं। जिस प्रकार रीढ़ की हड्डी हमारी शरीर को स्थिरता और सहारा प्रदान करती है ठीक उसी प्रकार गायत्री मंत्र भी हमारी मेधा को स्थिर करती है। यह मंत्र हमारी तीनो अवस्थाओं जागृत, सुषुप्त और स्वप्न को प्रभावित करते हुए आध्यात्मिक आदि दैविक औऱ अधिभूतिका को जागृत करती है।

आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से भोला शुक्ला, प्रवीण कुमार राय, प्रभुनाथ यादव, पुनीत सिंह, शुभम तिवारी, शशिप्रकाश, त्रिपुरारी चौबे, अभिषेक सिंह टिंकू, नितिन पांडेय, पम्पुल सिंह, उपेंद्र नाथ दूबे, सभाजीत सहित दर्जनों श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।

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