द्वादस मंत्र साधना से साधक को गोंद में बैठा लेते हैं भगवान : स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती


द्वादस मंत्र साधना से साधक को गोंद में बैठा लेते हैं भगवान : स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती



करहाँ, मऊ। मऊ जनपद मुख्यालय के बकवल स्थित आम्रपाली सभागार में गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे परमहंस परिव्राजकाचार्य स्वामी ज्ञानानन्द सरस्वती जी महाराज ने द्वादस अक्षर मन्त्र का प्रताप सुनाया। बताया कि श्रीमद्भागवत संहिता में वर्णित द्वादश अक्षर मन्त्र का ऐसा अमोघ प्रताप है कि इस मन्त्र साधना से प्रगट होकर साक्षात सगुण ब्रह्म या तो गोद में आ जाते हैं या तो साधक को गोविन्द स्वयं अपने गोद में उठा लेते हैं।


कहा कि मानव संविधान के निर्माता चक्रवर्ती सम्राट महाराज मनु ने नैमिष धेनुमति तट पर जब इस द्वादशाक्षर मन्त्र की साधना की तो व्यापक निरंजन ब्रह्म साक्षात सगुण रूप धारण कर स्वयं गोद में आ गया। त्रेतायुगीन प्रभु श्रीराम का महामंगलमय अवतार हो गया और इसी मनु वंश में पुण्यसलिला श्रीयमुना के पावन तट पर मधुबन में पौत्र बालक ध्रुव ने इसी द्वादशाक्षरी मन्त्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय से साधना की तो साक्षात नारायण ने बालक को अपनी गोंद में उठा लिया। मात्र पाँच महीने की तपश्चर्या, अखण्ड जप प्रवाह में गरुण सहित नारायण को वैकुण्ठ से मधुबन में आकृष्ट कर लिया। उन्होंने बताया कि तपस्वी बालक ध्रुव को दर्शन देने के लिए नही बल्कि भक्त को अपनी आँखों से स्वयं देखने के लिए गरुण के साथ नारायण मधुबन आये।

ध्रुवजी महाराज ने मन्त्र सिद्धि प्रसाद से 36 हजार वर्ष तक महाराज मनु के राज सिंहासन पर अभिषिक्त होकर धर्मपूर्वक प्रजा का पालन किया और अलकनन्दा के पावन तट पर श्रीबद्रीनाथ धाम से काल के कपाल पर पैर रखकर वैष्णवी विमान से ध्रुव लोक परमधाम की यात्रा पूरी किया।

पूर्वाह्न सत्र में श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह यज्ञ के मंडप में यज्ञाचार्यगण पंडित धनंजय पांडेय, पंडित अभिषेक तिवारी, पंडित गौरव मिश्र, पंडित शुभम तिवारी ने मुख्य यजमाम उर्मिला सिंह से वेदी पूजन कराकर यज्ञाहुति डलवाई। पंडित विमल मिश्र, आयुष, प्रियव्रत, सत्यव्रत ने पूजन में सहयोग किया एवं भागवत परायण के बीच भक्त यज्ञ मंडप की परिक्रमा करते रहे। कथा में मुख्य रूप से पंडित हरिओम शरण, हरिश्चन्द्र दूबे, त्रिविक्रम सिंह, डॉक्टर यूपी द्विवेदी, रामविजय सिंह, धीरेंद्र सिंह, इन्द्रासन सिंह, अभिषेक दूबे, जितेंद्र तिवारी, ध्रुवनाथ सिंह, डॉक्टर उमेश सिंह, संजीव कुमार द्विवेदी, डॉक्टर आर. एस. सिंह, पंकज सिंह, रमेश राय, सुशील सिंह, सुनीता देवी, धीरेंद्र सिंह, अविनाश, मनोज चौहान आदि उपस्थित रहे।

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