गुरादरी पर गोविंद दशमी के मेले में जुटे हजारो श्रद्धालु
बता दें कि यह स्थान बाबा घनश्याम की साधनास्थली के रूप में 350 वर्षो से आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है। इनके अलावा यहां बाबा पदारथ साहब, बाबा महाबल साहब, बाबा प्रहलाद साहब, बाबा सत्यनारायण साहब और बाबा जगन्नाथ साहब जैसे सिद्ध संतो की समाधियां पूजनीय हैं। चूंकि यह सतनामी संत परंपरा की पीठ सिद्ध संत गोविन्द साहब की शिष्य पीठ है इसलिए जो भक्त वहां नहीं जा पाते वह यहीं स्नान-दान, दर्शन-पूजन करके मेले का आनंद उठाते हैं।
मेले में फूल-प्रसाद, श्रृंगार सामग्री, खेती किसानी के उपकरण, लकड़ी के सामानों, पत्थर के सामानों, कंबल, मिठाई, चाट-पकौड़ी, चाउमीन, अनारकली, खिलौना-गुब्बारे, चर्खी-झूले खजला और लाल गन्ने की दुकानों पर ज्यादा भीड़ देखी गयी। मठ प्रबंध तंत्र एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था से मेला शांतिपूर्ण तरीक़े से बिना किसी अप्रिय घटना के समाप्त हो गया।
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