भागवत कथा के संकल्प मात्र से हो जाती है भगवतप्राप्ति की सिद्धि : स्वामी ज्ञानानंद
उक्त उद्गार जनपद मुख्यालय के बकवल में गीता जयंती महोत्सव पर आयोजित भागवत कथा के प्रथम दिन परमहंस परिव्राजकाचार्य स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज ने व्यक्त किये। वे श्रीमद आद्यजगदगुरु शंकराचार्य वैदिक शोध संस्थानम काशी के संस्थापक अध्यक्ष हैं।
उन्होंने बताया कि सनातन धर्म के सनातन पुरुष की अमोघ वाणी हर एक मानवतनधारी के लिए कित्य स्मर्तव्य है। परमात्मा ही सबका सच्चा मित्र है- सुहृतसताम्। श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह यज्ञ समस्त दुःख-दारिद्र्य-दुर्भाग्य को एक साथ भस्मीभूत कर देता है। शरणागत् पालकत्व धर्मा के सनातन विरद का सिंहनाद साक्षात् श्रीमद्भागवत है। दारिद्रय दुःख ज्वर दाहितानां क्षेमाय वै भागवतं प्रगर्जति।जीव जगत को आसुरी वृत्ति से निवृत्त करके विश्वराष्ट्र को परम सत्वमय विशुद्ध दैवी शक्तिसम्पन्न बनाने के लिए भारतीय ऋषि मेधा का महत्व वैज्ञानिक अनुसंधान श्रीमद्भागवत बोध है। परीक्षित् जीवपद् वाच्य है तक्षक साक्षात् काल सम्बोध्य है। कालः क्रीडति गच्छति आयुः कालो जगद् भक्षकह देखत काल कराल जिह्वा विविध रूप से जगत् का भक्षण कर रही है। सप्ताह के सात दिन साधनपाद् है आठवां दिन किसी के लिए होता है क्या? राजर्षि परीक्षित के लिए आठवां दिन कैसे हो गया ? जीवन अवधि मात्र सात दिन।
श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह यज्ञ का विलक्षण साधनात्मक पारमार्थिक रहस्य है, जिसे सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के सद्गुरू परमात्मा श्रीकृष्ण चन्द्र कृष्णं वन्दे जगद्गुरुं स्वयं उदघाटित करते हैं।
भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण ऐसे जगद्गुरू है जिनका मन्त्रोपदेश मार्तण्ड की प्रचण्ड रश्मियां मन्त्रमुग्ध हो शान्त चित्त से श्रवण करती हैं और स्वयं श्रीमद्भागवत सप्ताह यज्ञ को मोक्ष का सनातन मार्ग बतलाती हैं। श्रीमद्भागवतान्मुक्तिः सप्ताहं वाचनं कुरु। इति सूर्यवचः सर्वैर्धर्म रूपं तु विश्रुतम्॥
इस अवसर पर कथा की मुख्य यजमान उर्मिला सिंह, मधुबन के पूर्व विधायक उमेश चंद पांडेय, इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता त्रिविक्रम सिंह, धीरेंद्र सिंह, पंडित हरिओम शरण, रमेश राय, संतोष द्विवेदी, रामविजय सिंह, अभिमन्यु दूबे, सुशील सिंह आदि उपस्थित रहे।
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