करहाँ परिक्षेत्र का देशी वाटरपार्क बना मठ गुरादरी का गंगा सरोवर

करहाँ परिक्षेत्र का देशी वाटरपार्क बना मठ गुरादरी का गंगा सरोवर

●भीषण गर्मी और उमस में टहलने और नहाने का प्रमुख केंद्र बना मठ गुरादरी का यह स्थल

●बाबा घनश्याम दास के आशीर्वाद से अभिसिंचित सरोवर का पानी कभी नहीं सूखता

◆करहाँ (मऊ) : जहां जिले का पारा 45 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका है और जिले भर के प्रायः तालाब, पोखरे और अमृत सरोवर जलविहीन हो चुके हैं, वहीं मुहम्मदाबाद गोहना ब्लाक के करहाँ स्थित वैराग्याश्रम मठ गुरादरी धाम का गंगा सरोवर पूरी तरह जलमग्न और गुलजार बना हुआ है। इस भीषण गर्मी, उमस और तपन में सुबह-शाम टहलने एवं नहाने का यह सबसे बड़ा हाटस्पाट बन चुका है। पाताल गंगा के नाम से विख्यात यह सरोवर देशी वाटरपार्क बना हुआ है।

अभी हाल ही में समाचार पत्रों के जिले भर के जलाशयों एवं अमृत सरोवरों की पड़ताल में तमाम पोखरे जलविहीन पाये गये। यहीं नहीं ख़ासतौर से लाखों की लागत से बने अमृत सरोवरों पर इंटरलॉकिंग, पौधरोपण व अन्य व्यवस्थाएं भी जर्जर पाई गई। ऐसे में मठ गुरादरी का स्वच्छ एवं निर्मल जल से सराबोर गंगा सरोवर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस जलाशय के चारो तरफ पक्के घाट और बाहर-बाहर चौड़ी इंटरलाकिंग है। यहां सुबह-शाम जहां सैकड़ो स्त्री-पुरुष टहलने आते हैं, वहीं गर्मी से राहत पाने के लिये इस क्षेत्र का यह एकमात्र गवई वाटरपार्क भी है।

बताया जाता है कि 350 वर्षो पूर्व प्रख्यात संत बाबा घनश्याम दास के आशीर्वाद से उत्पन इस जलाशय का पानी कभी नहीं सूखता। मठ प्रशासन इस जल को स्वच्छ और निर्मल बनाये रखने के लिए विशेष ध्यान रखता है। भूमिगत नाली के माध्यम से रोज यहां एक तरफ से जल भरा जाता है और दूसरी तरफ से जलनिकासी होती रहती है। इससे बेजुबान पशु-पक्षियों एवं सैकड़ो बंदरो का भी जीवन यापन होता है। जहां एक तरफ यह 42 गाँवों की आस्था का यह प्रमुख केंद्र है, वहीं दूसरी तरफ एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है। यहां से हर जाति-वर्ग के लोंगो का बेहद खास लगाव है। इस भीषण गर्मी में गुरादरी मठ का यह गंगा सरोवर खासतौर से युवाओं की जलक्रीड़ा का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

Post a Comment

Previous Post Next Post