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समाजसेवी ने किसानों संग धान की रोपाई कर परखी मेहनत व जाना दर्द

समाजसेवी ने किसानों संग धान की रोपाई कर परखी मेहनत व जाना दर्द

करहाँ (मऊ) : "जेके पाँव न फटे बेवाई, उ का जाने पीर पराई।" इस कहावत को चरितार्थ करते हुये अन्नदाता किसानों की मेहनत व परिश्रम की वास्तविकता को समझने के लिए एक समाजसेवी उतरा खेतों में धान की रोपाई करने। हाँ दोस्तो आपने सही पढ़ा। जिले के करहाँ जिला पंचायत सदस्य पद के पूर्व प्रत्याशी रहे विक्की वर्मा इस समय समाज के हर वर्ग में बेहद लोकप्रिय और सक्रिय हैं। वह क्षेत्र में सबके सुख-दुख में लगातार शामिल हो रहे हैं।

इसी बीच सोमवार को क्षेत्र के नगपुर ग्रामसभा का भ्रमण करते हुए धान की रोपाई कर रहे किसानों एवं कृषि श्रमिको का दर्द जानने के लिए खेतों में उतर गये और देर तक उनके साथ धान की रोपाई करते देखे गये। यह खबर फैलते ही लोग दौड़े-दौड़े उन्हें यह करते देखने वालों की भींड़ लग गयी।

विक्की वर्मा ने बताया कि कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो जाय, लेकिन उसे खाने के लिए अनाज ही चाहिए। किसी के पास भले ही कितना भी सोना-चाँदी क्यों न हो जाय लेकिन वह उसे खा नहीं सकता। इसलिए हमें सर्दी, गर्मी, बरसात में बराबर हाड़तोड़ मेहनत करने वाले और मौसम की अनिश्चितता झेलकर माटी के सीने को चीरकर अन्न उपजाने वाले अन्नदाता किसानों की कद्र करनी चाहिए। जय जवान, जय किसान।



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