बेमौसम बारिश ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी, धान की फसल डूबी
सरसों, आलू, चना और मटर की फसलें सड़ने की कगार पर
करहां (मऊ) : करहां परिक्षेत्र के किसानों पर गुरुवार की रात हुई बेमौसम बारिश कहर बनकर टूटी। कई महीनों की मेहनत और उम्मीदों पर पानी फिर गया। देर रात तक हुई तेज बारिश ने जहां खेतों में पानी भर दिया, वहीं कट चुकी धान की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गईं। खड़ी फसलें गिरकर बर्बाद हो गईं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
माहपुर, परवा, नेवादा, दरौरा, दतौली, तिलसवां, भांटी, मालव, सद्धोपुर समेत लगभग 42 गांवों के किसानों में मायूसी का माहौल है। हाल ही में बोई गई सरसों, आलू, चना और मटर की फसलों के खेतों में पानी भर जाने से उनके सड़ने की आशंका बढ़ गई है। किसान चिंतित हैं कि यदि मौसम में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें इन फसलों की पुनः बोआई करनी पड़ेगी, जिससे लागत और बढ़ जाएगी।
स्थानीय किसानों का कहना है कि इस वर्ष मौसम की अनिश्चितता ने खेती को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। एक ओर धान की कटाई और मड़ाई के दौरान हुई बारिश ने तैयार फसलों को नुकसान पहुंचाया, वहीं दूसरी ओर रबी की फसलों की शुरुआत भी संकट में पड़ गई है।
किसानों ने प्रशासन से खेतों में हुए नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर शीघ्र राहत नहीं मिली, तो आगामी रबी सीजन की तैयारी भी प्रभावित होगी।





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