बड़े पुण्यकर्म से बनते हैं देवालय, कई पीढियां होती हैं लाभान्वित : स्वामी ज्ञानानंद
करहाँ (मऊ) : जब हमारे जन्म जन्मांतर के पुण्यफल उदित होते हैं और नारायण का विशेष कृपानुग्रह प्राप्त होता है, तब कहीं जाकर तीर्थ एवं देवालयों के निर्माण का सौभाग्य प्राप्त होता है। एक देवालय कई पीढ़ियों का साक्षी बनता है और उनके अंदर दैवभाव का उदय कर लाभान्वित करता है।
उक्त उद्गार श्रीमद आद्यजगदगुरु शंकराचार्य वैदिक शोध संस्थानम काशी, श्रीपीठ गोवर्धन एवं श्रीकृष्ण योगमाया शक्तिपीठ के संस्थापक अध्यक्ष परमहंस परिव्राजकाचार्य स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज ने व्यक्त किये। वे मुहम्मदाबाद गोहना स्थित नेवादा ग्राम सभा में नवनिर्मित शिवालय पर आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। ज्ञातव्य हो कि उक्त गांव में कोई मंदिर नहीं था। पिछले वर्ष स्वामी जी के निर्देशन में ही एक सुंदर शिव मंदिर का निर्माण एवं पंचदिवसीय यज्ञ के रूप में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न किया गया। इसमें श्रीस्वामी जी महाराज का पावन सानिध्य प्राप्त हुआ था। नगपुर की श्रीमद्भागवत कथा में पधारे स्वामी जी ने ग्रामवासियों के विशेष अनुग्रह पर नेवादा स्थित शिवमंदिर पर पहुंचकर पूजन, अर्चन व आरती किया तथा उपस्थित भक्तों ने उनका भावपूर्ण अभिनंदन किया।
स्वामी ज्ञानानंद ने आगे कहा कि आप सभी ग्रामवासी पुण्यात्मा हैं जो अपने जीवन काल में मंदिर नहीं होने के कलंक से छुटकारा पाये। आपकी संततियों में देवत्व भाव प्रस्फुटित होते देख मन आह्लादित है। आप सभी देव, द्विज, पितृ, प्राज्ञ पूजन में नित्य और नैमेतिक रूप से लगे रहें ऐसी मेरी शुभेक्षा और मंगल आशीष है। जिस प्रकार नगपुर की कलश यात्रा में ढेर सारी बच्चियां, स्त्री-पुरुष और नौजवान मेरे एक आह्वान पर शामिल हुए सबको आत्मिक साधुवाद और आशीर्वाद रहेगा।
सम्मान समारोह का संचालन पंडित हरिओम शरण ने तो आभार प्रदर्शन ग्रामप्रधान इन्द्रराज यादव ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से वकील यादव, प्रमोद कुमार, रामानंद, अरविंद, गंगा प्रसाद, रामू, रमेशचंद्र, गोविंद, किशन कुमार, भीम यादव, रामअधार, शुभम श्रीकांत लाल आदि उपस्थित रहे।
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