टाउन इंटर कालेज के पूर्व प्रतिष्ठित प्रधानाचार्य के निधन पर शोक
करहाँ (मऊ) : शिक्षा और अनुशासन के लिए सुप्रसिद्ध मुहम्मदाबाद गोहना स्थित टाउन इंटर कालेज के पूर्व प्रतिष्ठित प्रधानाचार्य कैप्टन श्रीनाथ शुक्ल 82 वर्ष का निधन हृदयगति रुकने से गुरुवार की देर रात उनके पैतृक निवास बरौली दिवाकर पट्टी में हो गया। शुक्रवार सुबह इस मनहूस खबर की सूचना मिलते ही कालेज सहित पूरे ब्लाक परिक्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी। कालेज के वर्तमान प्रधानाचार्य डाक्टर रविंद्र नाथ यादव के नेतृत्व में शोक सभा की गई एवं उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए दो मिनट का मौन रखकर आत्मशांति के लिए प्रार्थना की गई।
ज्ञातव्य हो कि श्रीनाथ शुक्ल बेहद अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। हिंदी साहित्य के शिक्षक होने के साथ उनकी संस्कृत और अंग्रेजी साहित्य पर भी बेहतर पकड़ थी। सुल्तानपुर जिले के धम्मौर इंटर कालेज में प्रांतीय स्तर के प्रतिष्ठित प्रधानाचार्य स्वर्गीय वंशराज सिंह के निर्देशन में 20 वर्षो तक वे एनसीसी के कैप्टन एवं अध्यापक के रूप में सेवारत रहे। 1984 में आयोग से प्रधानाचार्य चुनकर वे मुहम्मदाबाद गोहना में आये और 2003 तक आपने बेहद अनुशासनपूर्वक क्षेत्र को बेहतरीन शैक्षिक माहौल प्रदान किया। उनके नेतृत्व में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य पाठ्य सहगामी क्रियाओं जैसे खेल-कूद, एनसीसी, गीत-संगीत, लेखन, प्रतिभा पुरस्कारों में कालेज विजेता बनता रहा।
कालेज के एक और सम्मानित प्रधानाचार्य व उनके संबंधी हरिश्चन्द्र दूबे ने बताया की शिक्षा जगत ने एक अनमोल प्रधानाचार्य एवं कुशल प्रशासक खो दिया है। वे अपने पीछे चार पुत्रों का भरा-पूरा परिवार छोड़कर गए हैं। उनके शिष्य संजीव कुमार द्विवेदी ने बताया कि स्वर्गीय वंशराज सिंह की नर्सरी से 30 प्रधानाचार्यों के साथ श्रीनाथ शुक्ल भी निकले और उत्तर प्रदेश के विभिन्न कालेजों में अपनी बेहतरीन सेवाएं प्रदान की। वे हम सभी के गुरु सहित अभिभावक भी रहे।
शुक्रवार सुबह कालेज के प्रधानाचार्य ने शोकसभा करके विद्यालय के पठन-पाठन का अवकाश घोषित किया एवं समस्त स्टाफ के साथ शोक संवेदना प्रकट करने उनके आजमगढ़ जनपद के भीमबर थानान्तर्गत बरौली दिवाकर पट्टी गांव पहुंचे। उनका अंतिम संस्कार दोपहर बाद दोहरीघाट सरयू तट पर किया गया। कालेज से शोक संवेदना प्रकट करने वालों में रामजी सिंह, योगेंद्र उपाध्याय, संजय राय, श्यामचरण यादव, रामानंद यादव, कंचन सिंह, सुरेंद्र प्रताप, अशोक कुमार, मनमोहन जायसवाल आदि प्रमुख रहे।
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