ॐ नमः शिवाय, स्वयंभू शिव मंदिर, शमशाबाद-मऊ

ॐ नमः शिवाय, स्वयंभू शिव मंदिर, शमशाबाद-मऊ

करहाँ (मऊ) : यह मंदिर मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के शमशाबाद गांव में स्थित है। स्वयं प्रकट हुये यह शिवजी पुराने समय से मनौतियों के महादेव माने जाते हैं। कोई भी मनौती पूर्ण होने पर यहां घी के दिये जलाने की परंपरा है, जो आज भी कायम है। गांव के हर मांगलिक कार्यक्रम का यह मंदिर साक्षी बनता है। सावन में यहां भारी भीड़ व शिवभक्तों की आस्था उमड़ती है।

मंदिर का इतिहास : इस प्राचीन स्वयंभू शिवजी की उत्पत्ति के बारे में समयकाल की निश्चित जानकारी ग्रामवासियों को नहीं है। पहले वह मिट्टी के एक बड़े टीले पर दिखे तो ग्रामवासी स्वर्गीय ताड़नी सिंह ने 1950 में यहां चबूतरे का निर्माण करा दिया। 1972 में ग्रामवासियों ने इसकी ऊँचाई बढ़ाकर और बराबर कर चहारदीवारी का निर्माण करा दिया। चाहरदीवारी के कई बार गिरने के बाद 2021 में ग्रामवासी इंद्रदेव सिंह के नेतृत्व ने सभी के सहयोग से यहां नई तकनीकि से चाहरदीवारी व भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। वर्तमान में यह मंदिर बहुत ही सुंदर रूप ले चुका है।

मंदिर की विशेषता : मान्यता है कि यह स्वयंभू शिवजी खुले में रहना पसंद करते हैं। इसलिए वर्तमान में नवनिर्मित मंदिर का छत और गुम्बद खुला और हवादार बनाया गया है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि स्वयंभू शिवलिंग की ऊंचाई हर वर्ष थोड़ी-थोड़ी बढ़ती रहती है। इस मंदिर पर झूठी कसमें खाने से लोग थर-थर कांपते हैं।

●मंदिर का कोई निश्चित पुजारी नहीं है। इनकी महिमा का प्रत्यक्ष प्रमाण देखकर मैं और मेरी बिटिया नियमित रूप से मंदिर की साफ-सफाई और पूजन-अर्चन करते हैं। वैसे तो ग्रामवासी वर्ष भर तथा सावन, शिवरात्रि और जन्माष्टमी पर विशेष रूप से पूजन में भाग लेते हैं।

◆रामकृत शर्मा, पुजारी, शमशाबाद

●स्वयंभू शिवजी हमारे परिवार सहित अनेक क्षेत्रवासियों के मनोरथ पूर्ण करते आ रहे हैं। यहां आने से दैहिक, दैविक एवं भौतिक ताप तथा शरीर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। आपकी कृपाप्रसाद अविश्वसनीय है। महादेव की कृपा सभी लोगों पर ऐसे ही बनी रहे। हर-हर महादेव।
◆इंद्रदेव सिंह, शिवभक्त, शमशाबाद

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